आम बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 में कई अहम घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा है कि वर्ष 2022 में जी-20 की बैठक भारत में होगी. उस वक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था का एजेंडा भारत सेट करेगा. इस ऐतिहासिक आयोजन पर भारत सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वित्त मंत्री ने अपना दूसरा बजट […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 में कई अहम घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा है कि वर्ष 2022 में जी-20 की बैठक भारत में होगी. उस वक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था का एजेंडा भारत सेट करेगा. इस ऐतिहासिक आयोजन पर भारत सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वित्त मंत्री ने अपना दूसरा बजट पेश करते हुए शनिवार को कहा कि #Budget2020 तीन चीजों पर केंद्रित है. आकांक्षी भारत (Aspirational India), सभी के लिए आर्थिक विकास (Economic Development for All) करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला समाज (Caring Society). वित्त मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने की प्रतिबद्धता भी जतायी.
आम बजट 2020 की खास बातें
#Budget2020 तीन चीजों पर केंद्रित है. आकांक्षी भारत (Aspirational India), सभी के लिए आर्थिक विकास (Economic Development for All) करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला समाज (Caring Society). वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे लोगों के पास रोजगार होना चाहिए. यह बजट उनकी आय सुनिश्चित करने और उनकी क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए है.
कृषि एवं संबद्ध क्रिया-कलाप : सिंचाई और ग्रामीण विकास क्षेत्र के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का वित्त मंत्री ने किया आवंटन.
आंकड़ा संग्रह में सुधार और प्रसार के लिए आधिकारिक आंकड़ों पर नयी राष्ट्रीय नीति लायेगी सरकार.
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना की जायेगी. नॉन गजेटेड नौकरियों के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा लेने के लिए, हर जिले में इसकी शाखा खोली जायेगी, खासतौर पर एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में.
गैर-राजपत्रित, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भर्ती के लिए ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ बनायी जायेगी.
#GST के कारण Transport और Logistics क्षेत्रों में बढ़त देखने को मिली है. इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ. इससे #MSME उद्योगों को भी लाभ मिला है.
जीएसटी से उपभोक्ताओं को 1 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक लाभ मिला है.
केंद्र सरकार का ऋण घटकर मार्च, 2019 में जीडीपी के 48.7 फीसदी पर आ गया है.
जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिए व्यापक उपाय किये जायेंगे.
20 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) के तहत सोलर पंप लगाने में सहायता दी जायेगी.
सरकार #ODFPlus के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि ओडीएफ अभियान सतत चलता रहे. स्वच्छ भारत अभियान के लिए 12,300 करोड़ रुपये का सरकार ने किया आवंटन.
#Budget2020 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये के आवंटन का एलान किया.
#JalJeevan अभियान के लिए सरकार ने 3.6 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये.
नयी शिक्षा नीति की घोषणा जल्द की जायेगी. वर्ष 2020-21 के बजट में शिक्षा क्षेत्र में 99,300 करोड़ रुपये आवंटित किये जायेंगे.
3000 करोड़ रुपये कौशल विकास के लिए उपलब्ध कराये जायेंगे.
राष्ट्रीय गैस ग्रिड को मौजूदा 16,200 किलोमीटर से बढ़ाकर 27 हजार किलोमीटर तक पहुंचाने का प्रस्ताव.
देश भर की शहरी स्थानीय निकाय युवा इंजीनियर्स को एक वर्ष तक इंटर्नशिप का मौका देंगे.
2024 तक रेलवे का पूरी तरह से विद्युतीकरण हो जायेगा और कार्बन उत्सर्जन से मुक्त हो जायेगा.
महिलाओं की शादी की उम्र तय करने के लिए कमेटी बनायेगी सरकार.
6 लाख से ज्यादा आंगनबाड़ीकर्मियों को स्मार्टफोन से लैस किया गया. इन आंगनबाड़ी की कर्मचारियों ने 10 करोड़ घरों के पोषण का आंकड़ा जुटाया. वित्त मंत्री ने वर्ष 2020-21 के लिए पोषण से जुड़ी योजनाओं हेतु 35,600 करोड़ रुपये का आवंटन किया.
परिवहन के लिए आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए 1.76 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की.
वर्ष 2024 तक देश में 100 नये एयरपोर्ट बनेंगे. जलमार्ग के लिए अर्थ गंगा की होगी शुरुआत.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के लिए 5,958 करोड़ रुपये आवंटित किये.
एक लाख की जगह अब पांच लाख रुपये तक की बैंक डिपॉजिट सरकार की तरफ से इंश्योर्ड होगी.
देश में तेजस जैसी और ट्रेनें चलायी जायेंगी. सौर ऊर्जा तैयार करने के लिए रेलवे की जमीन का इस्तेमाल होगा.
किस क्षेत्र को कितना आवंटन मिला
स्वास्थ्य सेवाएं : 69,000 करोड़ रुपये
शिक्षा : 99,300 करोड़ रुपये
कौशल विकास : 3,000 करोड़ रुपये
स्वच्छ भारत मिशन : 12,300 करोड़ रुपये
परिवहन के लिए आधारभूत संरचना : 1.7 लाख करोड़ रुपये
ऊर्जा और पुनर्नवीकृत ऊर्जा : 22,000 करोड़ रुपये
85,000 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आवंटित किया गया है.
53,700 करोड़ रुपये सरकार ने अनुसूचित जनजाति या आदिवासियों के लिए आवंटित किये हैं.
9,500 करोड़ रुपये वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए आवंटित किया गया है.