नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) के विस्तार की घोषणा की. इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जायेगी. वित्त मंत्री ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जायेगा. किसान इन सोलर पंपों से बनने वाली अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति ग्रिड को भी कर सकेंगे.
मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में फरवरी, 2019 में पीएम कुसुम योजना की शुरुआत की थी, जिसके लिए 34,422 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटी है और वे सौर ऊर्जा से जुड़े हैं. इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा पैदा कर आमदनी भी कर सकेंगे. पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं : 10,000 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े विकेंद्रीकृत नवीकरणीय बिजली संयंत्र, 17.50 लाख ग्रिड से पृथक सौर बिजली कृषि पंप और ग्रिड से जुड़े हुए 10 लाख सौर बिजली कृषि पंपों का सोलराइजेशन. योजना के तहत इन तीनों घटकों को मिलाकर वर्ष 2022 तक कुल 25,750 मेगावाट सौर क्षमता तैयार करने की योजना है.