जामिया यूनिवर्सिटी के गेट पर फिर फायरिंग, फरार हुए स्कूटी पर सवार दो संदिग्ध

नयी दिल्लीः जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर के गेट संख्या पांच पर रविवार रात दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली चलाई. जामिया समन्वय समिति ने (जेसीसी) ने यह जानकारी दी. समिति द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि हमलावर एक लाल रंग की स्कूटी पर आए थे. हमले में कोई हताहत नहीं हुआ. बयान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2020 7:56 AM

नयी दिल्लीः जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर के गेट संख्या पांच पर रविवार रात दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली चलाई. जामिया समन्वय समिति ने (जेसीसी) ने यह जानकारी दी. समिति द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि हमलावर एक लाल रंग की स्कूटी पर आए थे. हमले में कोई हताहत नहीं हुआ. बयान में कहा गया है कि स्कूटी पर सवार दो में से एक बदमाश ने लाल रंग की जैकेट पहन रखी थी. पुलिस ने कहा कि वह समिति के दावों की जांच कर रही है.

पुलिस के मुताबकि, घटनास्थल पर जगह-जगह तलाशी ली गयी लेकिन वहां कोई खाली कारतूस नहीं मिला है. इसके अलावा, उन वाहनों के बारे में अलग-अलग बात निकल कर आ रही है जिन पर संदिग्ध सवार थे. कुछ ने कहा कि संदिग्ध स्कूटर पर सवार थे और कई अन्य का कहना है कि वो चार पहिया वाहन पर आए थे. इस दौरान छात्रों समेत कई लोग थाने के बाहर जमा हो गए. हम जांच करेंगे और कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे.

इधर, रात में फायरिंग की सूचना मिलते ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर लोग जुट गए और प्रदर्शन शुरू हो गया. बता दें कि जामिया और शाहीन बाग में फायरिंग की इससे पहले दो घटनाएं हो चुकी हैं. पहली घटना 30 जनवरी की है जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर गोपाल नाम के एक लड़के ने गोली चलाई थी. इसमें पत्रकारिता का एक छात्र जख्‍मी हो गया था.

मुझपर गोलियां चलाना अति राष्ट्रवाद का नतीजा
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में घायल हुए विश्वविद्यालय के छात्र ने इस घटना को ‘अतिराष्ट्रवाद का परिणाम’ करार दिया है. शदाब फारूक ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि बृहस्पतिवार को जो कुछ हुआ उसे ‘अतिराष्ट्रवाद का नतीजा’ कहा जा सकता है.
उसने लिखा, यदि आप इसे एक प्रदर्शन बनाना चाहते हैं तो आप बनाइए. काला झंडा उठाइए, लाल झंडा उठाइए. उसने कहा कि इस घटना के लिए अकेले दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उसने कहा कि जामिया प्रशासन और कुलपति को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.

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