अहमदाबाद : गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेताओं की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें पिछले साल जुलाई में विदेश मंत्री एस जयशंकर के राज्यसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचन को चुनौती दी गयी थी. न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की अदालत ने कांग्रेस नेता गौर पांड्या, चंद्रिका चूडासामा और परेश धनानी की चुनाव याचिकाएं खारिज कर दीं. इनमें पांच जुलाई को भाजपा प्रत्याशी जयशंकर और जुगलजी ठाकोर की जीत को चुनौती दी गयी थी. जयशंकर और ठाकोर ने क्रमश: कांग्रेस के पांड्या और चूडासामा को हराया था.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेताओं ने इस चुनाव को निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के आधार पर चुनौती दी थी, जिसमें दोनों खाली सीटों को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया था, जिसकी वजह से अलग-अलग उपचुनाव की जरूरत थी. कांग्रेस नेताओं ने इसे संविधान और जनप्रतिनिधि कानून-1951 और चुनाव संहिता 1961 का उल्लंघन करार दिया था.
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता जनप्रतिनिधि कानून के तहत चुनाव को अमान्य घोषित करने के कारणों को बताने में नाकाम रहे. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता संविधान या जनप्रतिनिधि कानून का कोई ऐसा प्रावधान भी बताने में असफल रहे, जिसमें निर्वाचन आयोग को सभी रिक्तियों के लिए एक साथ चुनाव कराने की बाध्यता है.
अदालत ने दो याचिकाओं को खारिज करने के साथ जयशंकर और ठाकोर के आवेदनों को स्वीकार कर लिया. जयशंकर और ठाकोर ने अपने आवेदन में कहा कि दो सीटों पर अलग-अलग चुनाव करा कर निर्वाचन आयोग ने कोई नियम नहीं तोड़ा है, जैसा कि प्रतिवादी ने आरोप लगाये हैं.