मोदी को SIT की क्लीन चिट के खिलाफ जाफरी की याचिका पर 14 अप्रैल को सुनवाई करेगा SC

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगा मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिये जाने के खिलाफ दिवंगत सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को 14 अप्रैल की तारीख निर्धारित की. अदालत ने टिप्पणी की कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2020 9:46 PM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगा मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिये जाने के खिलाफ दिवंगत सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को 14 अप्रैल की तारीख निर्धारित की. अदालत ने टिप्पणी की कि इस मामले की सुनवाई कई बार टल चुकी है और कभी न कभी तो इस पर सुनवाई करनी ही होगी.

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने मामले की सुनवाई अप्रैल के लिए टाल दी. इससे पहले जकिया की वकील ने मामले की सुनवाई टालने और होली की छुट्टी के बाद इस पर सुनवाई का अनुरोध किया था. जकिया जाफरी की वकील अपर्णा भट ने अदालत से कहा कि इस मामले में मुद्दा विवादास्पद है.

इस पर पीठ ने कहा, ‘इस पर सुनवाई इतनी बार टल चुकी है, ये जो भी है हमें इस पर किसी न किसी दिन सुनवाई करनी ही है. एक तारीख लीजिए और यह सुनिश्चित करिए कि सभी मौजूद हों.’ उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल जाफरी की ओर से बहस करेंगे. भट ने कहा कि मामले के स्थगन के लिए एक पत्र भी पक्षों को भेजा गया है.

गुजरात सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन और मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें दूसरे पक्ष द्वारा मामले को स्थगित करने के लिए पत्र भेजने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अदालत को आदेश में इसे दर्ज करना होगा. जाफरी की वकील ने इससे पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि याचिका पर एक नोटिस जारी करने की जरूरत है, क्योंकि यह 27 फरवरी, 2002 से मई 2002 तक कथित ‘बड़े षडयंत्र’ से संबंधित हैं.

गौरतलब है कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगाये जाने में 59 लोगों के मारे जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गये थे. मारे गये लोगों में एहसान जाफरी भी शामिल थे. घटना के करीब 10 साल बाद आठ फरवरी, 2012 में एसआईटी ने मोदी तथा 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की थी.

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