नयी दिल्ली: पुलिस ने दावा किया है कि शाहीन बाग में फायरिंग करने वाला कपिल बैसला आम आदमी पार्टी (आप) का सदस्य है. इस मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि भाजपा के पास अब कुछ नहीं बचा है, आखिर में दिल्ली पुलिस को इस्तेमाल किया जा रहा है. कपिल को कड़ी से कड़ी सज़ा दो. उसका अगर आप के साथ जरा सा भी लिंक है तो उसे 2 की बजाए 4 साल की सज़ा दो. अमित शाह जी चुनाव के 48 घंटे पहले ये टुच्चे-टुच्चे षड्यंत्र करते हैं. ये चुनाव के पहले के स्टंट हैं.
वहीं, कपिल के परिवार ने कहा है कि उनका किसी राजनीतिक पार्टी से लेना-देना नहीं है. कपिल के पिता ने कहा है कि मैं 2012 तक बीएसपी में था, लेकिन फिर राजनीति छोड़ दी थी. कपिल के भाई ने कहा कि उसने आम आदमी पार्टी कभी ज्वॉइन नहीं की, ये 2019 के लोकसभा चुनाव थे जब सभी पार्टी के नेता वोट मांगने आए हुए थे तभी पार्टी के नेताओं ने हमें सम्मान के तौर पर टोपी पहन दी थी.
शाहीन बाग में फायरिंग करने वाले कपिल के साथ फोटो सामने आने पर बोले आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि क्या अमित शाह क्राइम ब्रांच के डीसीपी को ये सारी चीजें कहने के लिए बोल रहे हैं ? किसके कहने पर वो ये सारी चीजें कर रहे हैं. जांच पूरी नहीं हुई है, फोटो की जांच नहीं हुई है, लेकिन आदर्श आचार संहिता के वक्त पुलिस अधिकारी पार्टी का नाम ले रहा है. हमलोग चुनाव आयोग में राजेश देव (डीसीपी) की शिकायत करेंगे.
पुलिस का दावा: पुलिस का दावा कर रही है कि कपिल के मोबाइल में कई तस्वीरें मिली हैं. इन्हीं तस्वीरों में कुछ ऐसी तस्वीरें हैं, जिनमें दिख रहा है कि कपिल आप की सदस्यता ग्रहण कर रहा है. आप के नेता संजय सिंह उसे सदस्यता ग्रहण करवा रहे हैं. पुलिस के इस दावे के बाद भाजपा आम आदमी पार्टी पर हमलावर हो गयी है.
भाषण देने के लिए भरना होगा फॉर्म, माननी होंगी 10 शर्तें : इस बीच शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विवादित बयानों की होड़ को देखते हुए आयोजकों ने 10वीं फेल वक्ताओं को मंच से भाषण देने पर रोक लगा दी है. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने मंच से भाषण देने के लिए एक शपथ पत्र जारी किया है, जिसे भरने के बाद ही वक्ताओं को मंच पर जाने की इजाजत होगी. प्रदर्शन में लगातार हो रहे भड़काऊ भाषणों को रोकना ही इस फैसले का मकसद है. प्रदर्शन का आयोजन करने वालों ने एक शपथ पत्र जारी किया है, जिसमें 10वीं से ऊपर पढ़े-लिखे वक्ता ही सीएए-एनआरसी के खिलाफ भीड़ को समझा पायेंगे. इस फैसले को लेकर प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि कुछ लोग मंच पर आकर विवादित बयान देते हैं, जिससे पूरे शाहीन बाग का प्रदर्शन बदनाम होता है. मेनिफेस्टो की शर्तों में कहा गया है कि संविधान के खिलाफ भाषण देना प्रतिबंधित है.