कोरोना वायरस का तोड़ ढूंढने के करीब पहुंचे ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के वैज्ञानिक
नयी दिल्लीः कोरोना वायरस ने चीन में कहर बरपा रखा है. अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं 30 हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं. चीन सहित पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस का काट ढूंढने के लिए प्रयासरत है. इसी बीच ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के […]
नयी दिल्लीः कोरोना वायरस ने चीन में कहर बरपा रखा है. अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं 30 हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं. चीन सहित पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस का काट ढूंढने के लिए प्रयासरत है. इसी बीच ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक एसएस वासन की टीम ने इस वायरस से निबटने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिचर्स ऑर्गेनाइजेशन (CSIRO) में कार्यरत प्रोफेसर एसएस वासन और उनकी टीम कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने के काफी करीब पहुंच गई है. दरअसल, पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया की डोहार्टी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर से कोरोना वायरस को निकालने में कामयाबी हासिल की थी. जिसके बाद इस वायरस को सीएसआईआरओ लाया गया, जहां इस पर अब अध्ययन जारी है.
इस रिसर्च को लेकर एसएस वासन ने बातचीत में कहा कि हम डोहार्टी इंस्टीट्यूट के साथियों को धन्यवाद देना चाहेंगे जिन्होंने वायरस निकालकर हमें दिया ताकि उस पर रिसर्च की जा सके. फिलहाल पूरी टीम इस पर गहन अध्ययन कर रही है. इस वायरस के विकास के लक्षण और अन्य कारकों का पता लाकर इसका वैक्सीन बनाया जा सकेगा.
वासन ने आगे बताया कि ऑस्ट्रेलियन एनिमल हेल्थ लैब में मेरे सहयोगी भी डायग्नोस्टिक, सर्विलांस और रिस्पॉन्स पर काम कर रहे हैं. बीआटीएस(BITS) पिलानी और आईआईएससी( IISc) बेंगलुरु के छात्र रहे वासन ने स्कॉलरशिप हासिल करने के बाद ऑक्सफॉर्ड के ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ाई की. वहां से डॉक्टरेट हासिल करने के बाद उन्होंने डेंगू, चिकनगुनिया और जीका जैसे वायरस के लिए काम किया.