जम्मू, इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज बीएसएफ के उस जवान को सौंप दिया जिसे चेनाब नदी की तेज धारा में बहकर पाकिस्तान पहुंच जाने पर पाकिस्तान रेंजर्स ने पकडा था. इस जवान ने पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में 48 घंटे से अधिक समय बिताया.पाकिस्तान रेंजर्स के कमांडरों ने जम्मू जिले के आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी आक्ट्रोई सीमावर्ती चौकी पर ‘जीरो लाइन’ पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों से मुलाकात करके 30 वर्षीय जवान सत्यशील यादव को भारत को सौंप दिया.
जवान को सौंपे जाने के कार्यक्रम के लिए विशेष रुप से दिल्ली से यहां आए बीएसएफ के महानिदेशक डीके पाठक ने इस जवान के वतन वापसी के कुछ मिनट बाद कहा, ‘‘उन्होंने (रेंजर्स) उनके (यादव) साथ हिरासत में रहने के दौरान बहुत अच्छा व्यवहार किया. हम उनके आभारी हैं. पाक अधिकारियों ने हमारे जवान से पूछताछ की जो मुझे लगता है कि असामान्य नही है क्योंकि जब सुरक्षा बल अपने क्षेत्र में किसी अनधिकृत प्रवेश पाते हैं तो वे ऐसा ही करते हैं.’’ पाठक ने कहा कि 33वीं बटालियन में कांस्टेबल यादव की वापसी ‘‘रिकार्ड समय’’ में हुई.
बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि यादव को जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा खंबा संख्या 918 के पास शाम चार बजकर 18 मिनट पर उन्हें सौंपा गया.एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उनका कहना है कि वह सामान्य महसूस कर रहे हैं और वह वापस लौटकर खुश हैं.’’अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ की खुफिया शाखा और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उनका ‘डीब्रीफिंग सेशन’ किया जाएगा.अपने बल की वर्दी पहने और थके दिख रहे यादव ने अपने कमांडेंट वीरेश कुमार तथा दो अन्य अधिकारियों के साथ भारतीय सीमा में प्रवेश किया. भारतीय अधिकारियों ने रेंजर्स की तीन सदस्यीय टीम से मुलाकात की थी.
अधिकारी ने कहा कि यादव को लेकर पडोसी देश में प्रवेश कर गई बीएसएफ नौका भी रेंजर्स द्वारा वापस दे दी गई है.इससे पहले, यादव ने पाकिस्तान में संवाददाताओं से कहा कि उसकी नौका दुर्घटनावश नदी की तेज धारा में बहकर पडोसी देश पहुंच गई.घटना के बारे में बताते हुए यादव ने कहा, ‘‘मेरे सहयोगी तैर कर निकल गए लेकिन मुङो तैरना नहीं आता. नौका के साथ मैं पाकिस्तानी क्षेत्र में पहुंच गया. पाकिस्तान चौकी के पास मैं पानी में कूद गया और पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों ने बचाया.’’ बीएसएफ प्रमुख पाठक ने कहा कि उन्हें नही पता कि उनके जवान से पूछताछ किसने की लेकिन इन प्रोटोकोल को पूरा करना किसी भी सुरक्षा बल का कर्तव्य है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि किसी ने उनसे दुर्व्यवहार नहीं किया और जब वह चेनाब में बहकर उनकी तरफ पहुंचा तो उनका चिकित्सकीय उपचार किया गया. उन्होंने (यादव) जो कुछ भी पूछा गया वह जाहिर सवाल हैं.’’ पाठक ने कहा कि जवान जीवन रक्षक जैकेट पहना था और इसलिए वह तैराकी नहीं जानने के बावजूद डूबने से बच गया.
यादव ने भारत आने से पहले कहा कि रेंजर्स ने उन्हें सहज महसूस कराया.जवान ने कहा, ‘‘उन्होंने मेरा परिचय लिया. अपने दायरे में उन्होंने मेरी पूरी मदद की. जैसा मैं सोच रहा था उससे बेहतर स्थिति में उन्होंने मुङो रखा. मुझे कोई शिकायत नहीं है. मैं खुश हूं.’’ अखनूर के परगवाल खौर में तीन अन्य कर्मियों के साथ यादव गश्ती पर थे उसी दौरान जिस नाव में वे जा रहे थे उसमें दिक्कत पैदा हो गयी थी.
बीएसएफ अधिकारियों ने कहा था कि बल के जवानों के गश्त करने के दौरान नौका का इंजन खराब हो गया था.उन्होंने कहा कि बीएसएफ जवानों की मदद के लिए भेजी गई राहत नौका में तीन जवान तो सवार हो गये लेकिन यादव तेज धारा में बह गया और वह पाकिस्तान के सियालकोट सेक्टर से 400 मीटर दूर जाकर रुका जहां उसे गांववालों ने निकाला और रेंजर्स को सौंप दिया.
यादव उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के रानीपुरा गांव का निवासी है और उसके तीन बच्चे हैं. वह वर्ष 2005 में बल में शामिल हुआ था.