मिथिलेश झा
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के सबसे बड़े विजेता बिहार के मधुबनी जिला के संजीव कुमार झा बने. संजीव झा आम आदमी पार्टी के नेता हैं और पार्टी के झारखंड प्रभारी हैं. उन्होंने बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शैलेंद्र कुमार को बुराड़ी विधानसभा में सबसे बड़े अंतर से पराजित किया. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज की है. उन्होंने शैलेंद्र कुमार को 88,158 मतों के अंतर से हराया. वर्ष 2015 के चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 67,950 मतों के विशाल अंतर से हराया था. हालांकि, तब आम आदमी पार्टी (AAP) के महेंद्र प्रसाद ने विकास पुरी विधानसभा सीट पर भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 77,665 मतों के सबसे बड़े अंतर से पराजित किया था.
बुराड़ी विधानसभा में 2,22,256 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इनमें 62.81 फीसदी वोट संजीव झा ने हासिल किये. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जदयू के शैलेंद्र कुमार को महज 51,440 वोट मिले. यह कुल मत का 23.44 फीसदी वोट है. इन दोनों के अलावा शिव सेना के धरमवीर को 18,044 वोट मिले, जो कुल मतदान का 8.12 फीसदी रहा. बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र में इन तीन उम्मीदवारों को छोड़ दें, तो किसी को एक फीसदी मत भी हासिल नहीं हो पाया.
संजीव झा ने चुनाव से पहले अपने लिए एक चुनौती रखी थी. उन्होंने प्रभातखबर.कॉम (prabhatkhabar.com) से खास बातचीत में कहा था कि 2020 का दिल्ली विधानसभा उनके लिए बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा था कि 2015 के चुनाव में उन्होंने जो जीत दर्ज की थी, वह By fluke (संयोग से) थी. इस बार यदि वैसा ही जनादेश मिला, तो वह मानेंगे कि लोगों ने उनके काम को पसंद किया और उनके काम पर वोट किया. अच्छी बात यह है कि सामाजिक कार्यकर्ता संजीव झा ने जब पहली बार राजनीति में कदम रखा और चुनाव लड़े, तो बुराड़ी में 10 हजार वोटों के अंतर से जीते. उन्हें करीब 50 हजार वोट मिले थे.
अगले चुनाव में यानी वर्ष 2015 में संजीव झा की जीत का अंतर वर्ष 2013 के चुनाव में उन्हें मिले कुल वोट से ज्यादा हो गये. इस बार उन्हें 1,24,000 से ज्यादा वोट मिले और उनकी जीत का अंतर 67,950 रहा. इस बार संजीव झा को कुल 1,39,598 वोट मिले, जो पिछले चुनाव में उन्हें प्रात मत से 15 हजार से ज्यादा हैं.
पोस्टल बैलेट में जदयू से हारे संजीव झा
हां, पोस्टल वोट के मामले में शैलेंद्र कुमार ने निवर्तमान विधायक आम आदमी पार्टी के संजीव झा को जरूर मात दे दी. बुराड़ी में कुल 808 पोस्टल वोट पड़े, जिसमें 499 वोट जदयू के शैलेंद्र कुमार को मिले. संजीव झा सिर्फ 230 वोट हासिल कर पाये.
बहुजन समाज पार्टी के गंगा राम को 12 पोस्टल वोट मिले, जबकि, भारतीय सामाजिक न्याय पार्टी के अनिल कुमार यादव को 4, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) को 1, जन अधिकार पार्टी के अवधेश वर्मा उर्फ अवधेश वर्मा को 1, आम आदमी संघर्ष पार्टी (एस) के कृष्ण मोहन झा को 1, राष्ट्रीय समाज पक्ष के दिनेश कुमार मिश्र को 1, राष्ट्रीय लोक दल के दीपक गुप्ता को 5, शिव सेना के धरम वीर को 22, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमोद त्यागी को 16, आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) के मनोज राय को 1, उत्तराखंड क्रांति दल के रंजीत सिंह को 5, निर्दलीय उम्मीदवार शैलेंद्र सिंह परिहार को दो और नोटा को 8 मत मिले.
संजीव पर होगी वादों को पूरा करने की चुनौतियां
बुराड़ी के इस युवा विधायक पर अब अपने वादों को पूरा करने की चुनौती होगी. उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता से वादा किया है कि आगामी 5 साल में वह झुग्गी बस्तियों में विकास कार्य करेंगे. उन्होंने क्षेत्र को कचरा से मुक्त करने का वादा किया, हर कॉलोनी में सीसीटीवी और मार्शल की नियुक्ति का वादा किया है. कच्ची कॉलोनियों में सड़क, सीवेज का काम पूरा करने का वादा किया है. झुग्गी वालों को मकान देने का भी वादा श्री झा ने चुनाव प्रचार के दौरान किया.
संजीव झा ने कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को दूर किया. यहां तक कि अनधिकृत कॉलोनियों में पहली बार बिजली, पानी, सड़क, नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों को दी. उनका अपने क्षेत्र की जनता से वादा है कि मार्च में 800 बेड का अस्पताल शुरू हो जायेगा. 16 नये मोहल्ला क्लिनिक काम करने लगेंगे. वह अपने इलाके में एक नेचर पार्क बनवाना चाहते हैं. यमुना किनारे 200 एकड़ में वह यह पार्क बनवायेंगे.
श्री झा का एक और बड़ा वादा है. बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र के कादीपुर गांव में स्कूल विलेज बनाने का. 60 एकड़ भू-खंड पर प्रस्तावित स्कूल विलेज के लिए 250 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं. 80 एकड़ में फैले जंगल में फॉरेस्ट पार्क बनायेंगे. इसमें मौसमी फलों के पौधे लगेंगे. जंगल सफारी की शुरुआत होगी. रैपिड मेट्रो का विस्तार बुराड़ी तक करवायेंगे.
राजनीतिज्ञों की अब परवाह नहीं करते संजीव
संजीव झा कहते हैं कि सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि राजनीति चीजों को ठीक कर सकती है. चीजों को सुधार सकती है. राजनीति में उनकी बिल्कुल दिलचस्पी नहीं थी. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा. संयोग से वह दो बार जीत भी गये. यदि इस बार जनता ने पिछले चुनावों के मुकाबले ज्यादा मतों से जिताया, तो वह मानेंगे कि उन्होंने कुछ काम किया है. वह कहते हैं कि अब राजनेताओं की परवाह नहीं करते. जो काम करना चाहते हैं, वह करते हैं. जनता उनके साथ खड़ी है. चुनाव परिणाम यदि पिछले चुनावों से बेहतर रहे, तो वह मानेंगे कि जो दिखता है, सच वही है. साथ ही उन्होंने कहा था कि चुनाव में उनकी जीत पक्की है, क्योंकि बिहार की पार्टियों (जदयू और राजद) ने बिहार की राजनीति शुरू कर दी है, जिसका लाभ उन्हें जरूर मिलेगा. और उनका भरोसा सच साबित हुआ. संजीव झा दिल्ली के सबसे बड़े विजेता बनकर उभरे.