भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा, लोकप्रियता के मामले में पीएम मोदी के इर्द-गिर्द कोई नहीं
नयी दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के एक दिन बाद पार्टी महासचिव राम माधव ने बुधवार को कहा कि राज्य चुनावों में लोग जिन चीजों को देखते हैं, उनमें से एक नेता भी शामिल होता है, जो काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में लोकप्रियता के मामले में […]
नयी दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के एक दिन बाद पार्टी महासचिव राम माधव ने बुधवार को कहा कि राज्य चुनावों में लोग जिन चीजों को देखते हैं, उनमें से एक नेता भी शामिल होता है, जो काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में लोकप्रियता के मामले में कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आसपास नहीं है.
उन्होंने एक खबरिया चैनल के कार्यक्रम में कहा कि हम एक नये तरह की राजनीति में आ गये हैं. हमें एक पार्टी के तौर पर सचेत रहना चाहिए और हम हैं. हमें इस तथ्य को नजरंदाज नहीं करना चाहिए कि आपका नेता मजबूत हो और उसे समर्थन हासिल हो. उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि जब सवाल राष्ट्रीय राजनीति का आता है, तो ऐसा कोई नहीं जो लोकप्रियता और जन विश्वास के मामले में मोदीजी के आसपास भी आ सके.
उन्होंने कहा कि इसी स्थिति का सामना हम एक राज्य के बाद दूसरे राज्य में कर रहे हैं. राज्यों में यह भी सवाल आता है कि कौन नेता है, जो काम कर सकता है. संभवत: लोग इस बिंदुओं पर सोच रहे हैं. यह शायद (दिल्ली) चुनाव से मिले संकेतों में से एक है. माधव ने हालांकि यह रेखांकित किया कि भाजपा में मजबूत राज्यस्तरीय नेता हैं, जो राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मुख्यमंत्री भी रहे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य अलग होता है. एक नेता वह घटक होता है, जिसकी हमें जरूरत होती है, लेकिन वही सब कुछ नहीं है, जिसकी जरूरत पार्टी को सफलता के लिए होती है.
एक नेता के इर्द-गिर्द राजनीति के केंद्रित होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह चलन बढ़ रहा है और दिल्ली में जनादेश अरविंद केजरीवाल के लिए है. उन्होंने ‘पैनल चर्चा’ में हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि दर्शक दीर्घा में सभी को पता है कि पार्टी की क्या गलती हुई. उन्होंने कहा कि भारतीय मतदाता अधिक परिपक्व हो गये हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली के जनादेश को मतदाताओं की परिपक्वता माना जा सकता है.
उन्होंने कहा कि हमने पूरी दुनिया के उदारवादियों को बताया कि भारतीय लोकतंत्र बहुत मजबूत है. दिल्ली में यही हुआ. यह पूरा दुष्प्रचार गलत साबित हो गया कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने पूरा दुष्प्रचार कि लोकतंत्र खतरे में है, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के जीतने के बाद शुरू हुआ.