पहली महिला गवर्नर सरोजिनी नायडू की 140वीं जयंती आज, पढ़ें उनके बारे में ये खास बातें

‘द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया” के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था. सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और देश की पहली महिला गवर्नर थीं. प्रसिद्ध वैज्ञानिक अघोरनाथ चट्टोपाध्याय की बेटी सरोजिनी नायडू बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में अच्छी थी. उन्होंने 12 साल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2020 11:17 AM
‘द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया” के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था. सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और देश की पहली महिला गवर्नर थीं. प्रसिद्ध वैज्ञानिक अघोरनाथ चट्टोपाध्याय की बेटी सरोजिनी नायडू बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में अच्छी थी. उन्होंने 12 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा में टॉप किया था.
16 साल की उम्र में उच्च शिक्षा के लिए लंदन चली गईं. उन्हें पहले लंदन के किंग्स कॉलेज और बाद में कैम्ब्रिज के गिरटन कॉलेज में पढाई करने का मौका मिला. पढ़ाई के साथ-साथ वो कविताएं भी लिखती रहीं. 1914 में इंग्लैंड में वह पहली बार महात्मा गांधी से मिलीं और उनके विचारों से प्रभावित होकर अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया.
सरोजिनी नायडू ने गांधी जी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में जेल भी गईं. बता दें कि देश की आजादी के बाद वह गवर्नर बनने वाली पहली महिला थीं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के गवर्नर का पद भार संभाला था. आज सरोजिनी नायडू जयंती के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं.
– सरोजिनी नायडू की महात्मा गांधी से प्रथम मुलाकात 1914 में लंदन में हुई और गांधी जी के व्यक्तित्व ने उन्हें बहुत प्रभावित किया. दक्षिण अफ्रीका में वे गांधीजी की सहयोगी रहीं. वे गोपालकृष्ण गोखले को अपना ‘राजनीतिक पिता’ मानती थीं. उनके विनोदी स्वभाव के कारण उन्हें ‘गांधी जी के लघु दरबार में विदूषक’ कहा जाता था.
– सरोजिनी नायडू को अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली कविता के कारण "द नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया" के रूप में जाना जाता है. उनकी रचनाएं, कल्पना में समृद्ध, विभिन्न विषयों को कवर करती हैं – प्यार, मृत्यु, दूसरों के बीच अलगाव. उनकी अधिकांश कविताओं में पंक्तियों को दोहराया गया है. मात्र 14 वर्ष की उम्र में सरोजिनी ने सभी अंग्रेजी कवियों की रचनाओं का अध्ययन कर लिया था.
– सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थी. इतना ही वह किसी राज्य की पहली पहली गवर्नर भी थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश के गवर्नर का पद भार संभाला था.
– सरोजिनी नायडू ने साहित्य के क्षेत्र में खास योगदान दिया. बचपन से ही वह कविताएं लिखा करती थीं. उनकी कविताओं का पहला संग्रह ”द गोल्डन थ्रेसहोल्ड” 1905 में प्रकाशित हुआ था. ‘द बर्ड ऑफ टाइम’ और ‘द ब्रोकन विंग’ उनके लिखे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है.
– सरोजिनी नायडू संकटों से न घबराते हुए एक वीरांगना की तरह गांव-गांव घूमकर देश-प्रेम का अलख जगाती रहीं और देशवासियों को उनके कर्तव्य की याद दिलाती रहीं.
– सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थी और क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेजी, हिंदी, बंगला या गुजराती में देती थीं। लंदन की सभा में अंग्रेजी में बोलकर इन्होंने वहाँ उपस्थित सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया था.
– सरोजिनी नायडू ने 1915 से 1918 तकभारत के स्वतंत्रता के आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गोपाल कृष्ण गोखले, रविंद्र नाथ टैगोर, एनि बेसैंट, महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू से खास पर जुड़ीं रहीं।
– सरोजिनी नायडू की शादी डॉ. गोविन्द राजालु नायडू के साथ 19 साल की उम्र में हुई थी. उऩ्होंने अंतरजातीय विवाह किया था जो कि उस दौर में मान्य नहीं था. यह एक तरह से क्रांतिकारी कदम था मगर उनके पिता ने उनका पूरा सहयोग किया था. उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहा और इस शादी से उन्हें चार संतान जयसूर्या, पदमज, रणधीर और लीलामणि हुए
– 2 मार्च 1949 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.

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