Pulwama Attack: साल 2019, दिन 14 फरवरी, समय दोपहर के करीब पौने चार बजे..पूरा देश अपने काम में जुटा था तभी एक ऐसी खबर आती है जिसके बाद पूरे देश में सन्नाटा छा जाता है. देश में बीते साल 14 फरवरी को ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर अब तक के सबसे बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे. शुक्रवार को पुलवामा शहादत की बरसी है.
बीते साल 14 फरवरी को देश का शौर्य, पराक्रम, गर्व हमारे देश के जवानों के साथ कुछ ऐसा घट जाएगा, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. इस हमले की खबर फैलते ही पूरा देश शोकाकुल हो गया था. इस हमले में झारखंड के भी लाल शहीद हुए थे. पुलवामा के शहीदों के लिए झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल का एक माह और अधिकारियों व कर्मचारियों के एक दिन का वेतन समर्पित करने का फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया था.
क्या हुआ था
पुलवामा जिले के लीथोपोरा में सीआरपीएफ जवानों से भरी बस से विस्फोटक से भरी एक गाड़ी टकराती है, उसके बाद होता है एक भीषण धमाका. धमाके का काला धुआं हटा और सामने हमारे देश का अभिमान, हमारे जवानों के क्षत-विक्षत शव धरती पर पड़े थे. स्वर्ग जैसी धरती लहू-लुहान हो चुकी थी. आत्मघाती धमाके के बाद लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही आतंकियों ने सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी.
सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई में आतंकी भाग खड़े हुए. इस हमले में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक इतना शक्तिशाली था कि उसकी आवाज 10-12 किलोमीटर दूर, यहां तक कि पुलवामा से जुड़े श्रीनगर के कुछ इलाकों तक भी सुनी गयी.
तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर देख स्थानीय निवासियों का दिल दहल गया. हमला करने वाला पुलवामा का स्थानीय लड़का था. उम्र महज 20 साल, नाम आदिल अहमद डार. वो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था. इस हमले की जिम्मेदारी भी इसी समूह ने ली थी.
फिर भारत ने जो किया उसे पूरी दुनिया ने देखा
इस आतंकी हमले के बाद देश के लोगों में गुस्सा था, हर इंसान की जुबान पर एक ही शब्द था, इस हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों और दुश्मन को करारा जवाब दिया जाए. हुआ भी वहीं. भारत ने वो जवाब दिया जिसकी पूरी दुनिया ने कल्पना नहीं की थी. हमले के महज 12 दिन बाद लिया गया बदला.
26 फरवरी की अहले सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दिया. भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने इतनी तबाही मचाई कि आतंकियों की रूह कांप गयी. कितने आतंकी मारे गए इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा तो सामने नहीं आया मगर विदेशी पत्रकारों ने कहा कि 200 से ज्यादा आंतकी मारे गए. भारत ने बदला भी लिया और ये सुनिश्चित किया कि इस हमले से किसी मासूम की जान न जाए. पाकिस्तान इस हमले में किसी भी तरह के नुकसान से इनकार करता रहा मगर उसे कितनी क्षति पहुंची थी ये पूरी दुनिया जानती थी.