Coronavirus : जापान व दक्षिण कोरिया से भारत आने वाले यात्रियों की भी होगी जांच
नयी दिल्ली : नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए शुक्रवार को हवाईअड्डों और विमानन कंपनियों से कहा कि जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले यात्रियों की एयरोब्रिज से बाहर आते ही जांच की जानी चाहिए. अभी तक भारत में 21 चिह्नित हवाईअड्डों पर सिर्फ चार देशों- थाईलैंड, […]
नयी दिल्ली : नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए शुक्रवार को हवाईअड्डों और विमानन कंपनियों से कहा कि जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले यात्रियों की एयरोब्रिज से बाहर आते ही जांच की जानी चाहिए. अभी तक भारत में 21 चिह्नित हवाईअड्डों पर सिर्फ चार देशों- थाईलैंड, सिंगापुर, चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की ही कोरोना वायरस के लिए जांच हो रही है.
जापान में भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को बताया कि एक जहाज पर तीसरे भारतीय व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इस जहाज पर अब तक 218 लोग कोरोना वायरस से पीड़ित हो चुके हैं. डायमंड प्रिंसेस नाम के जहाज पर 138 भारतीय सवार हैं जिनमें से चालक दल के दो सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पहले पुष्टि हुई थी.
डीजीसीए ने एक परिपत्र में कहा, ‘चीन और हांगकांग के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और सिंगापुर से सीधे आने वाली सभी उड़ानों के यात्रियों की जांच एयरोब्रिज से बाहर आते ही तत्काल सुनिश्चित होनी चाहिए.’ इसमें कहा गया है कि सभी हवाईअड्डों पर महत्वपूर्ण स्थानों पर उपयुक्त संकेतक लगाने की सलाह दी जाती है और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक यात्रियों से स्वघोषणा फॉर्म भरावाये जाएं.
अब तक भारत में कोरोना वायरस के तीन मामलों की पुष्टि हुई है, ये तीनों मामले केरल से हैं. वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले तीन विद्यार्थी खुद ही चीन से लौटे थे और उन्होंने अस्पताल में जांच कराया जिसमें संक्रमित होने की पुष्टि हुई. एक को इलाज के बाद छुट्टी मिली है. डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा ‘सभी एयरलाइनों को इन देशों से आ रही उड़ानों में इसकी घोषणा करनी होगी और इसका कड़ाई से पालन करना होगा.’