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वाराणसी में बोले पीएम मोदी, हम CAA और अनुच्छेद 370 के फैसलों पर कायम हैं और रहेंगे

वाराणसी (उप्र) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसलों पर कायम है और आगे भी रहेगी. अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल सेंटर को राष्ट्र को […]

वाराणसी (उप्र) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसलों पर कायम है और आगे भी रहेगी.

अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल सेंटर को राष्ट्र को समर्पित करने और विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद कहा, ‘देश आज वो फैसले भी ले रहा है जो हमेशा पीछे छोड़ दिये जाते थे.

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), वर्षों से देश को इन फैसलों का इंतजार था. उन्होंने कहा, देशहित में ये फैसले जरूरी थे और दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद हम इन फैसलों पर कायम हैं और कायम रहेंगे.

देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ जारी अनिश्चितकालीन प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रधानमंत्री का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है. मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय के सिद्धांत को अपनी सरकार के इरादों से जोड़ते हुए कहा कि दीनदयाल जिस तरह अन्त्योदय की बात करते थे, वैसे ही देश के छोटे शहरों का उदय देश के विकास को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

उन्होंने कहा कि देश की विकास परियोजनाओं का विशेष लाभ इन छोटे शहरों और उनमें रहने वाले लोगों को ही हुआ है. अभी हाल में जो बजट आया है, उसमें सरकार ने घोषणा की है कि मूलभूत ढांचे के निर्माण पर 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा धनराशि खर्च की जाएगी.

इसका बहुत बड़ा हिस्सा देश के छोटे-छोटे शहरों के खाते में ही जाने वाला है. सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मुद्रा’ समेत विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दीनदयाल कहते थे कि आत्मनिर्भरता और स्वयं सहायता सभी योजनाओं के केन्द्र में होने चाहिये.

उनके इन विचारों को सरकार की योजनाओं और कार्यप्रणाली में निरन्तर लाने का प्रयास किया जा रहा है. मुझे विश्वास है कि पंडित दीनदयाल की आत्मा जहां भी होगी, हमें निरन्तर आशीर्वाद और प्रेरणा देती रहेगी। प्रधानमंत्री ने करीब 1,250 करोड़ रुपये की लागत वाली करीब 50 विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया.

इनमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 430 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल और विश्वविद्यालय में 74 बिस्तरों वाला मनोरोग अस्पताल भी शामिल है. मोदी ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से आईआरसीटीसी की ‘महाकाल एक्सप्रेस’ को भी हरी झंडी दिखायी.

देश की पहली ओवरनाइट निजी रेलगाड़ी तीन ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थलों – वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी. इसके पूर्व, मोदी ने वीरशैव समुदाय के जंगमबाड़ी मठ में आयोजित श्री जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन पर कहा कि भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम सभी पर है. देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है.

एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नये भारत की दिशा तय करेगा. उन्होंने श्री सिद्धान्त शिखमणी ग्रन्थ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ को 21वीं सदी का रूप देने के लिये वह विशेष अभिनन्दन करते हैं.

भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जाना चाहिये. एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से यह दर्शन युवाओं तक पहुंचकर उन्हें प्रेरणा देगा.

प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण में लोगों के योगदान के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि हमें पानी की बचत और उसके पुनर्संचयन पर ध्यान देना होगा. घर हों, खेत हों या दूसरे स्थान हों हमें पानी बचाने पर ध्यान देना है.

देश में इतने बड़े अभियान को सिर्फ सरकार नहीं चला सकती. इनकी सफलता के लिये जनभागीदारी जरूरी है. भारत को जलयुक्त और सूखामुक्त करने में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है. मोदी ने स्वेदशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि देश में बना सामान, हमारे बुनकरों और हस्तशिल्पियों के बनाए सामान का इस्तेमाल करें.

सभी से आग्रह है कि आप स्थानीय स्तर पर बनी वस्तुएं खरीदें. हमारे देश में विश्वस्तरीय उत्पादन हो रहा है, हमें यह मानसिकता बदलनी होगी कि विदेशी में बनी वस्तुएं श्रेष्ठ गुणवत्ता की होती हैं. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में ऐसे फैसले हो रहे हैं, उन पुरानी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है, जिनकी किसी ने कल्पना नहीं की थी.

राम मंदिर विवाद दशकों से अदालतों में उलझा हुआ था, लेकिन अब मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने कहा कि यह पूज्य संतों के आशीर्वाद से हुआ है. अयोध्या में सरकार द्वारा अधिग्रहीत 67 एकड़ जमीन नवगठित ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी.

दोनों कार्यक्रमों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सम्बोधित किया. शैव समुदाय के कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा भी मौजूद थे.

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