शाहीन बाग मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विरोध के नाम पर सब सड़क पर प्रदर्शन करने लगे तो क्या होगा?

नयी दिल्लीः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दो महीने से ज्यादा दिनों से जारी दिल्ली के शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि कुछ लोग एक कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2020 2:45 PM
नयी दिल्लीः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दो महीने से ज्यादा दिनों से जारी दिल्ली के शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि कुछ लोग एक कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, ये जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा मामला है. आप दिल्ली को जानते हैं और दिल्ली के ट्रैफिक को भी.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच कर रही है. देश की शीर्ष अदालत ओर से कहा गया कि हमारी चिंता सीमित है, अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को हलफनामा दायर करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े को शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा है.
इस दौरान हेगड़े ने अपील करते हुए कहा कि उनके साथ रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ को उनके साथ भेज सकते हैं. हेगड़े की ओर से सॉलिसिटर जनरल से पुलिस प्रोटेक्शन की अपील की. कोर्ट ने कहा कि पिछले 64 दिन से प्रदर्शन जारी है, लेकिन आप उन्हें हटा नहीं पाए. अब बातचीत से हल नहीं निकलता है तो हम अथॉरिटी को एक्शन के लिए खुली छूट देंगे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट आज फिर उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिसमें शाहीन बाग से सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है. 10 फरवरी को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने इस मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार तथा पुलिस को नोटिस जारी किया था. आज वे अपना पक्ष कोर्ट में रख रहे हैं.

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