नयी दिल्ली: दिल्ली गैंगरेप मामले में सजायक्ता चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल के अति सुरक्षित सेल में खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश की. तिहाड़ जेल के एक अधिकारी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक विनय शर्मा ने सेल की दीवार में अपना सिर पीटकर खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश की. घटना में विनय शर्मा को हल्की चोटें आई है. बता दें कि 2012 दिल्ली निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों को 3 मार्च को फांसी दी जाएगी.
आक्रामक हो गया है दोषियों का व्यवहार
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल के बैरक नबंर-3 स्थित सेल में अपना सिर दीवार में पटक लिया था. हालांकि वो दोबारा ऐसा कर पाता इससे पहले उसकी सुरक्षा में तैनात सिपाही ने उसे रोक लिया. उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. कहा जा रहा है कि फांसी की तारीखों के ऐलान के बाद से ही चारों दोषियों के व्यवहार में बदलाव आया है. चारों आक्रामक हो गए हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं.
Tihar Jail official: One of the death row convicts of 2012 Delhi gang-rape case, Vinay had attempted to hurt himself by banging his head against a wall in his cell, on 16th February. He had received minor injuries.
The four convicts of the case will be executed on 3rd March.
— ANI (@ANI) February 20, 2020
दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि विनय शर्मा की दिमागी हालत ठीक नहीं है. कुछ दिन पहले उसने अपनी मां को पहचानने से इंकार कर दिया था. इस आधार पर भी वकील एपी सिंह अदालत से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग कर रहे हैं. हालांकि जेल प्रशासन का कहना है कि विनय शर्मा की हरकतें, फांसी को टालने के लिए है. वो फांसी से बचने के लिए नाटक कर रहा है.
3 मार्च को दी जाएगी दोषियों को फांसी
बता दें कि इससे पहले दो बार दोषियों की फांसी टल चुकी है. सबसे पहले दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने चारों दोषियों को फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी. लेकिन आरोपी अक्षय ठाकुर की तरफ से राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने की वजह से उसकी फांसी टल गयी. इसके बाद नया डेथ वारंट जारी किया गया जिसमें 1 फरवरी को फांसी देने की बात कही गयी. लेकिन दोषी विनय शर्मा ने पहले रिव्यु पीटिशन और फिर राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की. इसकी वजह से फांसी टल गयी.
दोषियों के सभी कानूनी विकल्प हुए समाप्त
गौरतलब है कि अब चारों में से तीन के पास सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं. केवल पवन गुप्ता ही ऐसा है जिसने अभी तक किसी कानूनी विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया. कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते समय टिप्पणी की थी कि या तो पवन गुप्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट है या फिर सजा को टालने की तिकड़म लगा रहा है. बता दें कि स्थानीय अदालत ने अब चारों को फांसी देने के लिए 3 मार्च की तारीख तय की है.
2012 में दिल्ली में हुई थी दर्दनाक घटना
बता दें कि साल 2012 में 16 दिसंबर की रात को राजधानी दिल्ली में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ छह लोगों ने गैंगरेप किया था. पीड़िता के साथ मारपीट भी की गयी थी और चलती बस से फेंक दिया गया था. बुरी तरह से जख्मी पीड़िता को पहले दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और बाद में बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था.
सिंगापुर में ही इलाज के दौरान 28 दिसंबर को पीड़िता की मौत हो गयी थी. तब इस घटना को लेकर देश भर में लोगों ने आक्रोश जाहिर किया था. आरोपियों को फांसी देने की मांग की गयी थी.
एक आरोपी ने कर ली थी आत्महत्या
सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी, बस ड्राइवर रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. एक आरोपी घटना के वक्त नाबालिग था इसलिए उसका केस जुवेनाइल कोर्ट में चला. बाकी चारों आरोपियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी.