ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश के 34वें स्थापना दिवस के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 371 को कोई नहीं हटा सकता है. साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर की अनोखी संस्कृति की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद दुष्प्रचार किया जा रहा था कि इस क्षेत्र में अनुच्छेद 371 को भी निरस्त कर दिया जाएगा. मैं आपको आश्वत करना चाहता हूं कि इस अनुच्छेद का मकसद पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कानूनों का संरक्षण है, इसलिए इसे हटाया नहीं जायेगा.
अरुणाचल प्रदेश के 34वें स्थापना दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था, उसके पहले पूर्वोत्तर शेष भारत के साथ सिर्फ भौगोलिक रूप से जुड़ा हुआ था, लेकिन आज परिस्थिति बदल चुकी है. क्षेत्र में उग्रवाद और अंतरराज्यीय सीमा विवादों की समस्याओं का जिक्र करते हुए, गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार उनके हल के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘2024 में जब हम आपसे वोट मांगने आयेंगे, तो उस समय तक पूर्वोत्तर उग्रवाद और अंतरराज्यीय विवाद जैसी समस्याओं से मुक्त हो जाएगा.
अनुच्छेद 371 में क्या है
अनुच्छेद 371 देश के 11 राज्यों में लागू है, इसके तहत राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है. पूर्वोत्तर भारत में अनुच्छेद 371 के विभिन्न भागों को लागू किया गया है. 371 ‘ए’ में नागालैंड के लिए, 371 ‘बी’ में असम के लिए, 371 ‘सी’ में मणिपुर के लिए, 371 ‘एफ’ में सिक्किम के लिए जबकि 371‘जी’ में मिजोरम के लिए प्रावधान लागू है.