Nirbhaya Convict Vinay Sharma Tries to Swallow Staple Pins: निर्भया गैंग रेप और मर्डर के एक दोषी विनय शर्मा ने फिर से एक बार खुद को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है. उसने इस बार स्टैपल पिन निगलने का प्रयास किया हालांकि, वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका. जेल अधिकारियों की पैनी नजर उस पर थी और वे विनय को ऐसा करने रोकने में सफल रहे. अधिकारी विनय को फौरान जेल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे और उसका इलाज करवाया. यदि आपको याद हो तो कुछ दिन पहले उसने दीवार पर सिर पटककर खुद को चोटिल करने की कोशिश की थी.
इससे पहले दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप व मर्डर केस के एक दोषी विनय शर्मा की उस याचिका को शनिवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने खुद को मानसिक रोगी बताते हुए मेडिकल ट्रीटमेंट की मांग की थी. उल्लेखनीय है कि इस मामले में इसी कोर्ट द्वारा 17 फरवरी को तीसरा बार डेथ वॉरंट जारी किया जा चुका है, जिसके मुताबिक इस कांड के चारों दोषियों को तीन मार्च की सुबह छह बजे फांसी दी जानी है.
वहीं, फांसी से बचने और उस तारीख को टालने के लिए दोषियों कर ओर से जुगाड़ जारी है. दोषी कभी खुद को मानसिक रोगी बताते हैं, तो कभी यह तर्क देते हैं कि वह घटना के वक्त नाबालिग थे, तो कभी राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाते हैं. इसी क्रम में दोषी विनय शर्मा खुद को सिजोफ्रेनिया का मरीज बता कर बुधवार को कोर्ट पहुंच गया था. उसने सर जेल की दीवार पर पटक कर खुद को चोट पहुंचाया था, जबकि उसके वकील ने कोर्ट में दावा किया कि वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा. अदालत ने इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया.
फांसी से पहले अवसाद स्वाभाविक : कोर्ट
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि फांसी से पहले दोषियों को घबराहट और अवसाद होना स्वाभाविक है. इस बात के सबूत मौजूद हैं कि इस केस में उपयुक्त मेडिकल ट्रीटमेंट और मनोवैज्ञानिक मदद दोषी को दिलायी गयी है.
दोषियों को फरमान, आखिरी बार परिवार से कब मिलना है, बताओ
वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को लिखित तौर पर सूचना दी है कि अंतिम मुलाकात जब करनी हो, वे अपने परिवार और जेल प्रशासन को बता दें. मुकेश और पवन अंतिम मुलाकात कर चुके हैं. अक्षय और विनय से भी परिजनों से अंतिम मुलाकात के लिए कहा जा चुका है. साप्ताहिक मुलाकात चारों की अभी जारी है.
विनय का दावा तोड़े मरोड़े तथ्यों का पुलिंदा : जेल प्रशासन
तिहाड़ प्रशासन ने दलील दी कि विनय का दावा तोड़े मरोड़े गये तथ्यों का पुलिंदा है. सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि उसने खुद ही जख्मी कर लिया. मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है.
किसी को नहीं पहचानता, तो मां से कैसे की बात : जेल के वकील ने कहा कि वह अपनी मां और वकील से बात करता है. यह कहना गलत होगा कि वह किसी को पहचान नहीं रहा है.
फांसी टालने का तरीका था : आाशा
कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि यह फांसी को टालने का एक तरीका भर था. दोषी कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं.