* पसमीना के विकास के लिए पी थ्री प्रोजेक्ट
* केसर की पहचान पूरे देश-विदेश में कराने का वादा
* बिजली और टेलिफोन से कोई कोना नहीं छूटेगा
* भ्रष्टाचार दूर करने का बीड़ा उठाया है,न खायेंगे और न खाने देंगे: मोदी
12:21-करगिल पहुंचे मोदी
10:59 टूरिज्म से लेह का विकास
10:58 सब कुछ होने के बाद भी देश में गरीबी
10:57 भ्रष्टाचार से देश को काफी नुकसान
10:57जम्मू-कश्मीर में चार बड़े हाइवे बनाये जाएंगे
10:55श्रीनगर के नवजवनों के लिए रोजगार देना सरकार की प्राथमिक्ता
10:54-कश्मीर के 60 करोड़ का कर्ज काफ
10:52 मोदी ने कहा,केसर की खेती से सैफरॉन क्रांति
10:48 – थ्री पी का मंत्र,पर्यावरण,प्रकाश और पर्यटन
10:46 -लेह उधार की रोशनी से नहीं जिएगा:मोदी
10:42- लेह में सोलर एनर्जी की संभावना:मोदी
10:34-मोदी ने लेह ट्रांसमिशन लाइन का शिलान्यास किया
10:21- लेह में विकास की संभावना: पीयूष गोयल
10:20 – केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल मंच पर पहुंचे
10:17- लेह के पारंपरिक ड्रेस में मोदी
10:15- नरेंद्र मोदी लेह में जन सभा को संबोधित करने के लिए मंच पर पहुंचे.
श्रीनगर :नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ बोला है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सीधी लड़ाई की ताकत नहीं. इस लिए वह प्रॉक्सी वार कर रहा है. मोदी ने आज लेह में भारतीय सैनिकों से बातचीत में सीजफायर मामले को उठाया. मोदी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद की आड़ में लड़ाई लड़ रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि वह परंपरागत जंग लड़ने की ताकत खो चुका है, लेकिन भारत के खिलाफ आतंकवाद का परोक्ष युद्व जारी रखे हुए है. लेह और लद्दाख की अपनी पहली यात्रा के दौरान सेना और भारतीय वायु सेना के जवानों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, पड़ोसी देश ने एक परंपरागत जंग लड़ने की ताकत तो खो दी है, लेकिन वह आतंकवाद के परोक्ष युद्ध में उलझा हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल आतंकवाद में जंग से कहीं ज्यादा जानें गंवा रहे हैं.
इसे एक वैश्विक समस्या करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की तमाम मानवतावादी ताकतों को इसके खिलाफ संघर्ष के लिए एक हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा, भारत इन मानवतावादी ताकतों को एक करने और मजबूत करने के प्रति वचनबद्ध है. प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी उस घटना के ठीक बाद आई है, जिसमें उग्रवादियों ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पांपोर में सीमा सुरक्षा बल के एक काफिले पर हमला किया, जिसमें एक अधिकारी सहित आठ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आधिकारिक दौरे पर जम्मू-कश्मीर के लेह पहुंचे. वहां उन्होंने पनबिजली परियोजना का उद्घाटन किया. साथ ही उन्होंने 349 किलोमीटर लंबी लेह-श्रीनगर ट्रांसमिशन लाइन की आधारशिला रखी.जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की अगवानी की.
उन्होंने कहा भ्रष्टाचार हमें परेशान कर रहा है. लोग आक्रोशित हैं. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम भ्रष्टाचार से लडेंगे और उन लोगों के साथ काम करेंगे जो इसके खिलाफ हैं. भ्रष्टाचार ने देश को बर्बाद कर दिया है. मैं आपसे वादा करता हूं कि हम पूरी ताकत के साथ भ्रष्टाचार से लडेंगे. मोदी ने कहा कि इस लडाई में सरकार का इरादा सभी भ्रष्टाचार विरोधी ताकतों, राजनीतिक दलों एवं उनके नेताओं तथा ईमानदार अधिकारियों को साथ लेकर चलने का है.
उन्होंने कहा, ईमानदार अधिकारी भी हैं. हम उनके साथ भी काम करेंगे. अगर हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जीत लेते हैं तो गरीबी के खिलाफ लड़ाई भी जीत लेंगे.
पदभार संभालने के बाद मोदी का यह पहला लेह और करगिल दौरा है, जबकि वह वह दूसरी बार जम्मू-कश्मीर राज्य पहुंचे हैं.मोदी आज लेह में 45 मेगावाट पनबिजली परियोजना का उद्घाटन किया. इसके साथ ही 45 मेगावाट की निमू बाजगो पनबिजली परियोजना राष्ट्र को समर्पित हो गया. उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि मैं लेह के विकास के लिए हर संभव कार्य करूंगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लेह में ट्रीपल पी का मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण,प्रकाश और पर्यटन से देश का विकास होगा.
मोदी ने 45 मेगावाट पनबिजली परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कहा कि लंबे अरसे से लद्दाख की चोटियों ने इतना बड़ा जन सैलाब नहीं देखा होगा. मेरा सौभाग्य है कि लेह आने का मुझे मौका मिला. मैंने भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर कई बार क्षेत्र का दौरा किया है.
मोदी ने कहा कि पनबिजली परियोजना के उद्घाटन होने से लेह के साथ-साथ देश का भी विकास होगा. उन्होंने कहा,लेह की जनता अब खुद की रौशनी से जिएंगे. मोदी ने कहा कि सोलर एनर्जी की संभावना है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कश्मीर के 60 करोड़ की कर्ज माफी की घोषणा की. साथ ही उन्होंने 4 बड़े हाईवे बनाने की भी घोषणा की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह में पनबिजली परियोजना के उद्घाटन से पहले सैनिकों के साथ बातचीत की. मोदी ने इस दौरान पाकिस्तान की ओर से की जा रही सीजफायर उल्लंघन के बारे में कहा कि पाक को सीधी लड़ाई की तकत नहीं है इस लिए वह पीछे से हमला कर रहा है.
* करगिल में चुटक पनबिजली का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज करगिल में 44 मेगावाट पनबिजली परियोजना का उद्घाटन किया. इस मौके पर मोदी ने करगिल युद्ध की चर्चा की. उन्होंने कहा कि मैं करगिल युद्ध के दौरान यहां आया था और युद्ध को करीब से देखा है.
मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले कहा जाता था कि पानी और जवानी पहड़ों के काम नहीं आता है. लेकिन इस कहावत को अब बदलने की जरूरत है.
मोदी ने कहा कि हमें प्रयास करना है कि पानी भी पहाड़ों के काम आये और जवानी भी पहाड़ के काम आये. मोदी ने कहा कि पहाड़ की पानी और जवानी बेकार नहीं जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पहाड़ की पानी से युवाओं को रोजगार मिलेगी. करगिल में शिक्षा का विकास होगा.
मोदी ने करगिल वासियों से वादा किया कि जितने भी विस्थापित हैं सभी को वापस लाएंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध के कारण 20 प्रतिशत लोग करगिल से विस्थापित हो गये हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने देश को खोखला कर दिया है. मैं लोगों से वादा करता हूं कि भ्रटाचार को जड़ से हटायेंगे और न खायेंगे और न खाने देंगे.
मोदी आज सियाचिन ग्लेशियर और काराकोरम की यात्रा पर हैं. मोदी आज सुबह 10 बजे लेह पहुंचे. लेह में मोदी का स्वागत किया गया. वह बिजली परियोजना का उद्घाटन करने वाले हैं. इसके बाद वह करगिल में भी बिजली परियोजना का उद्घाटन करेंगे. जम्मू कश्मीर की अपनी इस दूसरी यात्रा में नरेंद्र मोदी लेह के बाद कारगिल जायेंगे और एक पावर ट्रांसमिशन का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह में सेना के जवानों से मुलाकात की.
मोदी के साथ केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी हैं. इसके अलावे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2005 में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी सियाचिन ग्लेशियर की यात्रा की थी. विश्व के सबसे ऊंचे और ठंडे युद्धक्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले सियाचिन ग्लेशियर में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के सैनिकों का स्टेशन 1984 से है.
यहां भारत के 3000 सैनिक पदस्थापित हैं. यहां का तापमान हमेशा माइनस 60 डिग्री के नीचे रहता है और यहां के अधिकांश पोस्ट 16,000 फीट के ऊपर है. जबकिन बाना पोस्ट 21,753 फीट ऊंचाई पर है. सीजफायर की घोषणा के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों ने ग्लेशियर से फौज हटाने को लेकर कई बार बातचीत की, लेकिन अभी तक इस बात पर सहमति नहीं बन पायी है.