भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कन्डेय काटजू ने बीते दिनों भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर के खिलाफ टिप्पणी कि थी, जिसे लेकर शिवसेना ने काटजू पर निशाना साधा. शिवसेना ने कहा कि काटजू के नेतृत्व में इस संस्था ने क्या काम किया है.
राज्यसभा के सदस्य के तौर पर सचिन और अभिनेत्री रेखा के संसद की कार्यवाही में उपस्थित नहीं होने पर काटजू ने कथित तौर पर कहा था कि सचिन को भारत रत्न देना और रेखा को राज्यसभा के लिए नामित करना ‘देश का अपमान’ है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘‘सचिन और रेखा सरकार के पास राज्यसभा की सदस्यता के लिए नहीं गए थे. राष्ट्रपति ने खेल और कला को सम्मानित करते हुए उन्हें नामित किया है.’’ पार्टी ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति काटजू अवकाश ग्रहण करने के बाद भी एक महत्वपूर्ण पद संभाले हुए हैं. वह यह भी नहीं बता सकते कि उनके कार्यकाल में प्रेस परिषद ने कौन सा काम किया है.’’
शिवसेना ने कहा, ‘‘मेजर ध्यान चंद को भी भारत रत्न मिलना चाहिए. सचिन और मेजर ध्यान चंद दोनों को एकसाथ भारत रत्न मिलना चाहिए था, लेकिन संप्रग सरकार ने ऐसा नहीं किया. यह सत्ता में बैठे लोगों की गलती है, लेकिन यह दिलचस्प है कि इतने महीनों के बाद काटजू के पेट में दर्द हो रहा है.’’