CBI-ED के खिलाफ 14 विपक्षी दलों ने की Supreme Court से अपील, कहा- एजेंसियों को लेकर तय करें गाइडलाइन
14 विपक्षी पार्टियों ने दी सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार के खिलाफ अर्जी दी है. विपक्षी दल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के बाद के दिशा निर्देशों का पालन किए जाने का अनुरोध कर रही है.
14 विपक्षी पार्टियों ने दी सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार के खिलाफ अर्जी दी है. इन पार्टियों ने केन्द्र सरकार पर CBI और ED के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. अब 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी. विपक्षी पार्टियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस के सामने यह मामला रखा. विपक्षी पार्टियों की अर्जी में अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केन्द्रीय एजेंसी के जरिए लगातार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है.
क्या है विपक्षी दलों की अपील: अपनी अर्जी में विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों और निचली अदालतों को गिरफ्तारी, रिमांड और जमानत देने के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश दिया जाये. गौरतलब है कि कांग्रेस की अगुवाई में 14 विपक्षी दलों की उस याचिका पर उच्चतम न्यायालय आगामी पांच अप्रैल को सुनवाई के लिए सहमत हो गया है.
5 अप्रैल को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: विपक्षी दलों की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की पीठ ने गौर किया. सुप्रीम कोर्ट ने द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल, भारत राष्ट्र समिति और तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों की ओर से पेश दलीलों पर संज्ञान लिया और कहा कि याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई की जाएगी.
दिशा निर्देशों का पालन किए जाने का अनुरोध: विपक्षी दल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के बाद के दिशा निर्देशों का पालन किए जाने का अनुरोध कर रही है. मामले में सिंघवी ने कहा कि 95 फीसदी मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं. हम गिरफ्तारी पूर्व और गिरफ्तारी के बाद दिशा निर्देशों की मांग कर रहे हैं.
भाषा इनपुट के साथ