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मोदी सरकार के सत्ता में आने से बढी है सांप्रदायिक हिंसा: सोनिया

नयी दिल्‍ली : कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्‍होंने सांप्रदायिक हिंसा मामले में मोदी को जिम्‍मेदार ठहराया है. सोनिया ने एक बार फिर मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से नयी सरकार सत्ता पर आयी है. देश में हिंसा की घटनाओं में इजाफा […]

नयी दिल्‍ली : कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्‍होंने सांप्रदायिक हिंसा मामले में मोदी को जिम्‍मेदार ठहराया है. सोनिया ने एक बार फिर मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से नयी सरकार सत्ता पर आयी है. देश में हिंसा की घटनाओं में इजाफा हुआ है.

सोनिया ने कहा कि भाजपा की अलगाववादी नीति के खिलाफ कांग्रेस एक बार फिर फिर से सत्ता में आयेगी.उन्‍होंने कहा कि सत्ता में वापसी कर कांग्रेस भाजपा की विभाजक राजनीति का मुकाबला करेगी.सोनिया गांधी ने यह बात संसदीय दल की बैठक में कही. उन्‍होंने कहा,कांग्रेस को भाजपा सरकार की विभाजनकारी और अधिकारवादी राजनीति का मुकाबला करना चाहिए. उन्‍होंने मोदी सरकार पर संप्रग की योजनाओं की नकल करने का और न्यूनतम शासन की नीति पर चलने का आरोप लगाया. यह हमारे लिए चुनौतिपूर्ण समय है. लोकसभा में हमारी संख्या अब तक की सबसे कम है.

उन्होंने कहा, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहती. आप सभी भाजपा के कुछ जनप्रतिनिधियों के भद्दे व्यवहार से परिचित हैं. इसके अलावा कुछ अन्य के अस्वीकार्य विचार समय की कसौटी पर खरी उतरी धर्मनिरपेक्ष परंपराओं तथा संवैधानिक शुचिता के प्रति पूर्ण असम्मान है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमें यह स्पष्ट होना चाहिए कि देशभर में चिंता का माहौल है, खासतौर से महिलाओं, अल्पंसख्यकों और गरीबों में. उनके मन में यह चिंता है कि क्या भाजपा और उसके सहयोगी संगठन भारत के सभी समुदायों के लिए काम करेंगे या फिर वे संकुचित आधार पर देश को बांट कर उससे लाभ उठाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि इस सवाल के जवाब के बारे में उनके मन में कोई संदेह नहीं है.

सोनिया गांधी ने कहा, एक सजग विपक्ष की भूमिका निभाना, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मूल्यों और उसकी नीतियों के लिए खड़ा होना और नई सरकार की अधिनायकवादी और संप्रदायवादी प्रवृत्तियों का मुकाबला करना हमारा कर्तव्य है. सोनिया ने कहा, हमें बताया गया है कि इस सरकार का मकसद न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन है.

लेकिन इसके बजाय लगता है आम आदमी की रक्षा के लिए न्यूनतम शासन , भाजपा के हाथ में अथाह शक्ति देने के लिए अधिकतम सरकार. उन्होंने कहा हमें इस प्रवृति का पूरी ताकत से प्रतिरोध करना होगा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, पिछले दस सप्ताह का सबक बताता है कि भाजपा के पास देश को देने के लिए नया कुछ नहीं है. उन्होंने हम पर बिना सिद्धांतों के हमला किया और अब बिना नीतियों के हम पर शासन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे विचारों की नकल करने के लिए उनका (भाजपा) का स्वागत है. वे हमारे कार्यक्रमों की नकल करें, हमें कोई आपत्ति नहीं.

सोनिया ने कहा, उन्हें अपनी विफलताओं का ठीकरा हमारे सिर पर फोड़ने दीजिए , जैसा कि वे कर रहे हैं. महंगाई देश भर में आम गृहणियों, छात्रों, कामगारों और विशेषरुप से बेरोजगारों और वंचितों की कमर तोड रही है. कब तक वे देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में विफल रहने की अपनी अक्षमता का दोष संप्रग सरकार पर मढते रहेंगे ? ऐसी बहानेबाजी अधिक दिन नहीं चलती है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, लेकिन जिस क्षण वे उन आदर्शो से विश्वासघात करते हैं जिन पर यह देश टिका है , जिस क्षण वे विघटन और नफरत की राजनीति को आगे बढाना शुरु करते हैं. जिस क्षण वे भारतीय लोकतंत्र के इस मंदिर के भीतर और बाहर तानाशाहीपूर्ण तरीके से व्यवहार करने की कोशिश करते हैं. जिस क्षण वे यह सब करेंगे. हम उठ खडे होंगे और उनका मुकाबला करेंगे.

सोनिया गांधी ने कहा, जब हम पिछली बार मिले थे तो उसके बाद से दस सप्ताह का समय बीत चुका है और यह समय हमारे देश और दुनिया के लिए काफी घटनाप्रधान रहा. सरकार ने ऐसा बजट पेश और पारित किया जिसमें कुछ नया नहीं है.

उन्होंने कहा कि नई सरकार अब प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर , चीनी सब्सिडी, रेलवे और डीजल की कीमतों में वृद्धि , बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश , आधार योजना और संप्रग सरकार की कई अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का समर्थन कर रही है जबकि उन्होंने इन सब का उस समय कडा विरोध किया था जब वे वहां थे , जहां आज हम हैं.

सोनिया गांधी ने पार्टी सांसदों से कहा कि हम निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर जनता को यह संदेश दें कि कांग्रेस पार्टी भारत की जनता के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है. हम लगातार असहाय लोगों की रक्षा करते रहेंगे और हम वंचितों के सशक्तिकरण के लिए काम करना जारी रखेंगे.

गौरतलब हो कि सोनिया गांधी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए देश में दंगा फैलाने का आरोप लगाया था. उन्‍होंने कहा था कि मोदी सरकार देश को बांटने की राजनीति कर रही है और इसी कारण से देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं बढ़ी है.

इससे पहले भी कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी संसद में मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया था. राहुल ने संसद में सांप्रदायिक हिंसा मामले पर चर्चा करानी की मांग को लेकर संसद में जोरदार हंगामा किया था. राहुल ने मोदी सरकार पर चर्चा न कराने का आरोप भी लगाया था. उन्‍होंने मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देश में केवल एक व्‍यक्ति की सुनी जाती है औरों को तो बोलने भी नहीं दिया जाता है. संसद में सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा कराने को लेकर राहुल पहली बार वेल तक पहुंच गये थे.

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