नयी दिल्ली:एटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकपाल सर्च नियमों में संशोधन पर केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. इस समिति का गठन सर्च पैनल के नियमों में बदलाव के लिये किया गया था.
ये नियम पिछली संप्रग सरकार ने अधिसूचित किये थे. सर्च पैनल को लोकपाल के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए नामों का सुझाव देने का अधिकार दिया गया था.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और सरकार इस पर गौर कर रही है. उन्होंने कहा कि नियमों में संशोधन लाए जाने के बाद ही लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढाया जाएगा.
भाजपा की आपत्ति के कारण पूर्व की संप्रग सरकार लोकपाल के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति की दिशा में आगे नहीं बढ सकी थी.
मौजूदा नियमों के अनुसार आठ सदस्यों वाली सर्च कमेटी का काम उन नामों की सूची तैयार करना है जिन्हें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में शामिल किया जाएगा. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति का काम लोकपाल के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति करना है.
नियमों के मुताबिक चयन समिति के लिए सर्च कमेटी उन नामों में से ही चुनेगी जिन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने दिया है.
सूत्रों के मुताबिक सरकार सर्च कमेटी को यह अधिकार दे सकती है कि वह कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से दी गई नामों की सूची से बाहर जाकर भी उपयुक्त व्यक्तियों को चुन सके.
लोकपाल सर्च कमेटी के नियमों की वैधानिकता को भी उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है. इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने देश की सबसे बडी अदालत को सूचित किया कि वह मामले की फिर से पडताल करेगी और फिर नियमों में संशोधन के बारे में औपचारिक ऐलान करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति में लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, प्रधान न्यायाधीश अथवा उनकी ओर से नामित उच्चतम न्यायालय का कोई न्यायाधीश तथा अध्यक्ष या किसी दूसरे सदस्य की ओर से नामित एक प्रमुख न्यायविद शामिल है.