अब तक खामोश मोदी 15 अगस्त को लालकिले से बहुत कुछ बोलेंगे !

-मुकुंद हरि- देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बने दो महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है. चुनाव के पहले मोदी ने अपनी मुखरता और वाक-पटुता से जनता का दिल जीता, जनता से वादे किये, सपने दिखाए और फिर चुनाव खत्म हुए. नरेंद्र भाई मोदी के जीवन ने चाय बेचने वाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2014 12:01 PM

-मुकुंद हरि-

देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बने दो महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है. चुनाव के पहले मोदी ने अपनी मुखरता और वाक-पटुता से जनता का दिल जीता, जनता से वादे किये, सपने दिखाए और फिर चुनाव खत्म हुए. नरेंद्र भाई मोदी के जीवन ने चाय बेचने वाले से मुख्यमंत्री और फिर इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री बनने का लक्ष्य पूरा किया.

लेकिन, गद्दी संहालते ही मुखर मोदी अचानक खामोश हो गये. पूरे देश को उनका खामोश हो जाना अखरने लगा, विपक्ष ताने देने लगा कि सत्ता संभालने पर मोदी की जुबान बंद हो गयी. क्या मोदी के वो वादे हवा-हवाई थे जिनको लेकर वो जनता के सामने वोट मांगने गए थे. ऐसे सवालों ने मोदी के समर्थकों को भी परेशानी में डाल रखा था.

लेकिन अब उन सारे सवालों के जवाब मिलने वाले हैं क्योंकि कल 15 अगस्त 2014 यानी हमारे देश के 68वें स्वतंत्रता दिवस पर मोदी बोलेंगे और खूब बोलेंगे. बुद्धिजीवियों के वर्ग में तो मोदी के संभावित भाषण को आजादी की रात दिये गये पंडित जवाहरलाल नेहरु के प्रसिद्ध भाषण ह्यट्राईस्ट विद डेस्टिनीह्ण से तुलना किये जाने की भी होड़ मची हुई है क्योंकि ऐसी संभावना है कि पहली बार देश के किसी प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी कोई पूर्व-लिखित भाषण न पढ़कर, सीधा धाराप्रवाह बोलने वाले हैं.

मोदी ने इन बातों को दिमाग में रखकर ही अपने मंत्रियों को ये सख्त हिदायत दी थी कि 10 अगस्त तक सभी मंत्री अपने-अपने मंत्रालयों में बजट में घोषित योजनाओं पर काम शुरू कर दें ताकि मोदी 15 अगस्त को इन सब बातों को वे जनता के सामने रख सकें. मोदी इसी बहाने अपनी खामोशी की आलोचना कर रहे विपक्ष का भी मुंह बंद कर देना चाहेंगे.

कल ऐतिहासिक लाल-किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी जिन बातों को अपने भाषण के जरिये देश की जनता के सामने रख सकते हैं. उनमें शामिल प्रमुख मुद्दे हैं :-

स्किल-डेवलपमेंट :

स्किल-डेवलपमेंट एक ऐसा विषय है जो मोदी को बहुत प्रिय है और इस मुद्दे को मोदी चुनाव के पहले भी अपने कई भाषणों में अक्सर उठाते रहे हैं. मोदी का मानना है कि अलग-अलग स्किल सीखकर युवा रोजगार के बेहतर मौकों का फायदा उठा सकते हैं. सरकार बनने के बाद मोदी ने अपने मंत्रियों को फौरन इस काम पर लग जाने का निर्देश दे दिया था. तकरीबन 21 मंत्रालय ऐसे हैं, जिनको विशेष रूप से स्किल-डेवलपमेंट के काम पर मोदी ने लगा रखा है और ऐसी संभावना है कि 15 अगस्त पर मोदी इन सभी मंत्रालयों से इकट्ठी की गयी जानकारी के आधार पर इन संभावनाओं के बारे में खुलकर जनता को बतायेंगे.

गंगा-स्वच्छता अभियान :

भाजपा के लिए गंगा हमेशा से एक धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दा रही है. वाराणसी से मोदी के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद खुद मोदी ने भी गंगा की सफाई पर बहुत रूचि दिखाई थी. इसी को लेकर उन्होंने साध्वी उमा भारती को विशेष रूप से ये विभाग सौंपा है क्योंकि उमा भारती भी बरसों से गंगा-स्वच्छता के लिए काम कर रही थी. सरकार ने गंगा-स्वच्छता के लिए पहले ही फंड दे रखा है लेकिन मोदी अपने भाषण में ये बता सकते हैं कि इसके लिए उनकी रूप-रेखा क्या होगी. साथ ही वो गुजरात में साबरमती नदी के लिए किये गए अपने कार्यों की सफलता का उदहारण भी दे सकते हैं.

स्मार्ट सिटी योजना :

भाजपा ने ये वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वो देश में सैकड़ों की संख्या में नये शहर विकसित करेगी लेकिन बजटीय सीमा की बाध्यता के कारण उस योजना को थोड़ा बदला गया है. मोदी ये बता सकते हैं कि उनकी सरकार देशभर में 100 स्मार्ट सिटी बसाने का काम कैसे करने जा रही है.

डिजिटल भारत :

भाजपा का कहना है कि इस बार उसकी सरकार देश में इंटरनेट और सूचना तकनीक को लेकर बहुत बड़ा काम करने वाली है. देश के गांव-गांव तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने के लिए नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क प्रोजेक्ट को लागू करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है. इसी के तहत सरकार अगले 3 साल में सभी ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ना चाहती है. इसके अलावा सरकार सभी दस्तावेजों और महत्वपूर्ण अभिलेखों का भी डिजिटलीकरण करने की योजना पर काम कर रही है. सभी शिक्षण संस्थाओं में डिजिटल पुस्तकालयों की सुविधा देना भी इसमें शामिल होगा. संभावना है कि मोदी सूचना तकनीक और इंटरनेट के पूरे देश में विकास और विस्तार पर अपनी योजना बतायेंगे.

हाईवे योजना :

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने देश में सड़कों को लेकर बहुत बड़ा काम किया था. उनकी स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी उपलब्धियों से प्रेरित होकर भाजपा इसे और आगे बढ़ने की कोशिश करेगी. सरकार ने इसी वजह से इस वर्ष के लिए 8300 किलोमीटर सड़क निर्माण के लक्ष्य को निर्धारित किया है. मोदी विकास के मुद्दे के तौर पर इस पर भी अपनी बात रख सकते हैं.

बिजली और ऊर्जा :

देश में बिजली की भारी कमी है. कोयले की समुचित उपलब्धता न हो पाना और बिजलीघरों की कमी भी इसकी वजह है. सत्ता में आते ही सरकार ने इस पर ध्यान देना शुरू कर दिया था. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री बिजली, कोयला, सौर-ऊर्जा और परमाणु बिजलीघर जैसे ऊर्जा के सभी पहलुओं पर जनता को अपनी राय बतायेंगे.

स्वास्थ्य :

मोदी सरकार ने स्वास्थ्य-मंत्रालय खुद एक वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. हर्षवर्धन के हवाले दिया है. हर्षवर्धन इस मंत्रालय में आते ही पूरे जोर-शोर से काम में लग चुके हैं और उनके मंत्रालय ने देश की जनता तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाने की कवायद पर अपनी योजनायें भी बना ली हैं. मोदी इन सब पर जरूर बोलेंगे.

कृषि, किसान और डब्ल्यूटीओ मुद्दा :

किसानों को लेकर मोदी अपनी सहानुभूति अक्सर जताते रहे हैं. आशा है इस बार मोदी किसानों और कृषि को प्राथमिक सूची में रखते हुए उनके फायदे की कई घोषणाएं करेंगे जिनमें कृषि से सम्बंधित खरीद पर अनुदान समेत किसानों को सस्ते कर्ज भी शामिल हो सकते हैं.

मोदी डब्ल्यूटीओ में किसानों और गरीबों के हित के लिए विकसित विदेशी देशों के सामने न झुकने की बात भी कहना चाहेंगे ताकि देश के हर गरीब की थाली में भोजन देने की उनकी प्रतिबद्धता साबित हो सके.

गरीबों के लिए आवास की बात :

इस बार मोदी अपने चुनावी वादे के अनुसार राष्ट्रीय ग्रामीण आवास मिशन के तहत देश के गावों में रहने वाले गरीबों को बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा के साथ पक्का घर देने की अपनी सरकार की योजना का खाका दिखा सकते हैं क्योंकि आने वाले सालों में अगर ये योजना सफल हो गई तो भाजपा को इसका बहुत लाभ मिल सकता है.

महिला और बालिका सशक्तीकरण :

मोदी और उनकी सरकार ने ये इशारा कर दिया है कि उनकी सरकार महिलाओं और बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वावलंबन पर बहुत संजीदा है. इसी कड़ी में मोदी, महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी और सशक्तिकरण योजनाओं के साथ-साथ अपनी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को आगे ले जाते दिखाई देंगे.

महंगाई :

सरकार बनने के बाद से ही मोदी ने अपने मंत्रिमंडल की कई बार महंगाई को लेकर बैठक बुलाई है. इस पर उनकी मंशा साफ है. महंगाई एक बहुत बड़ा मुद्दा थी पिछले चुनाव में जिसकी वजह से कांग्रेस की सरकार को देश की जनता ने नकार दिया था. ऐसे में मोदी देश को महंगाई की रोक-थाम को लेकर आश्वासन जरूर देना चाहेंगे.

निर्माण और निवेश :

विकास के लिए मोदी के मूल-मंत्रों में निर्माण भी शामिल है. इसलिए ऐसी संभावना है कि मोदी ये बताने की कोशिश करेंगे कि किस तरह उनकी सरकार एफडीआई और अन्य माध्यमों से देश में निवेश बढाकर, निर्माण के क्षेत्र को बढ़ाना चाहती है ताकि न सिर्फ विकास का पहिया आगे बढे बल्कि देश के बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिल सके.

आतंकवाद और सुरक्षा पर कड़े रुख की बात :

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के दौरे पर मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी भाषा में संदेश दिया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी आसियान देशों की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रुख को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर अपनी सरकार की नीयत बयान कर दी है. मोदी भी लाल किले से पाकिस्तान के आतंकवादरुपी छद्म-युद्ध पर कड़ा प्रहार करने वाले हैं.

15 करोड़ बैंक खाते खोलने की घोषणा :

देश की जनता तक सरकारी सब्सिडी और अन्य योजनाओं के लाभ को बिना किसी बिचौलिए और भ्रष्टाचार के सीधे जनता तक पहुंचाने की अपनी प्राथमिकता को मोदी ने महत्वपूर्ण माना है. उनका मानना है कि इससे न सिर्फ पारर्दिशता बढ़ेगी बल्कि काम में तेजी भी आएगी. सरकार की तरफ से देश भर में 15 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोलने की योजना की घोषणा भी मोदी आजादी के दिन करने वाले हैं.

भारत-रत्न की घोषणा :

जब से देश की मीडिया में ये खबर आयी है कि सरकार ने रिजर्व बैंक को भारत-रत्न के 5 मैडल बनने का आदेश दिया है, तब से अटल बिहारी वाजपेयी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, कांशीराम और मेजर ध्यानचंद जैसे लोगों के नामों पर अटकलें लगनी शुरू हो चुकी थीं. मोदी इस दिन इन अटकलों को विराम देते दिखाई दे सकते हैं. सरकार की तरफ से भारत-रत्न के भावी सम्मानितों की घोषणा किये जाने की पूरी संभावना है.

विधानसभा चुनावों के तहत घोषणाएं :

कई राज्यों में इसी साल तो कईयों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. दिल्ली भी चुनावों का इंतजार करती नज़र आ रही है. ऐसे में लाल किले से प्रधानमंत्री इन राज्यों के संभावित चुनावों के मद्देनज़र कई ऐसी घोषणाएं कर सकते हैं जिनसे भाजपा को उन चुनावों में लाभ हो. ऐसी सम्भावना जताई जा रही है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है और दिल्ली पुलिस जो अब तक केंद्र सरकार के अधीन थी, उसे दिल्ली की राज्य सरकार के हवाले किया जा सकता है.

मोदी के भाषण को लेकर तो ज्योतिषियों ने भी भविष्यवाणी करनी शुरू कर दी है. उनके अनुसार, इस बार मोदी का लाल किले से भाषण भारत के उज्जवल भविष्य को रेखांकित करेगा. मोदी के इस उद्बोधन में हिंदुस्तान की सुनहरी तस्वीर स्पष्ट नज़र आएगी.

इसके अलावा ऐसा पहली बार होनेवाला है जब दूरदर्शन पर लाल किले से प्रधानमंत्री के भाषण से ठीक पहले उनकी 3 मिनट की जीवनी भी देश की जनता को दिखाने की योजना है.

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