नयी दिल्ली: पिछले सप्ताह 280 यात्रियों को साथ लेकर जा रहे जेट एयरवेज के एक विमान के 5000 फुट की ऊंचाई से नीचे गोता लगाने के मामले में दोनों पायलटों को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गयी है.
इसे गंभीर घटना बताते हुए विमानन नियामक डीजीसीए ने दोनों पायलटों को निलंबित कर मामले की जांच शुरु कर दी है. पिछले सप्ताह मुंबई से 280 यात्रियों को लेकर ब्रसेल्स जा रहे जेट एयरवेज के एक विमान ने पिछले सप्ताह तुर्की वायुक्षेत्र में 5,000 फुट की ऊंचाई से नीचे गोता लगाया क्योंकि उसका एक पायलट नींद में था और दूसरी सह पायलट विमान की सूचना से जुडे आईपेड पर व्यस्त थी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले शुक्रवार की घटना के बाद विमानन प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सुविधाओं की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय टीम भी बनायी गयी है. टीम से 31 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
डीजीसीए ने विमान कंपनी को एक सप्ताह के भीतर सभी संबंधित रिपोर्ट के साथ ही डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकार्डर (डीएफडीआर) सौंपने के लिए कहा है.यह घटना तब हुयी जब मुंबई से ब्रसेल्स और वहां से नेवार्क जा रही बोइंग 777-300 उडान संख्या 9 डब्लू-228 यूरोप के व्यस्त मार्ग पर सफर के दौरान 34,000 फुट से गोता लगाकर 29,000 फुट पर आ गयी.
जैसे ही विमान नीचे की ओर आया ,अंकारा के एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने विमान को एक आपात संदेश भेजते हुए पायलट से पूछा कि निर्धारित मार्ग से वह क्यों हट गए हैं और उन्हें फौरन ही अपने तय मार्ग पर आने के लिए कहा गया.दोनों पायलटों को पूछताछ के लिए डीजीसीए ने कल बुलाया.
सूत्रों के मुताबिक, कमांडर ने कहा कि वह कॉकपिट के भीतर झपकी लेते हुए नियंत्रित आराम पर थे और विमान परिचालन प्रक्रिया में इसकी अनुमति है. सह पायलट ने नियामक से कहा कि वह अपने आईपैड या इलेक्ट्रानिक फ्लाईट बैग पर काम कर रही थी जिसमें विमान संबंधी दस्तावेज दर्ज थे.
घटना की पुष्टि करते हुए विमान के एक प्रवक्ता ने बताया कि जेट एयरवेज ने मामले में आंतरिक जांच शुरु कर दी है.प्रवक्ता ने कहा, विमान कंपनी मामले में जांच के लिए डीजीसीए को सभी जरुरी मदद मुहैया करा कर सहयोग कर रहा है. जेट एयरवेज के लिए हमारे अतिथियों और चालक दल के सदस्यों की कुशलता के साथ ही सुरक्षा सर्वोच्च अहमियत रखती है और यह सुनिश्चित करने के लिए विमान कंपनी हमेशा समुचित कदम उठाएगी. घटना के बाद जेट एयरवेज की पायलटों की प्रशिक्षण प्रकिया की पडताल के लिए उडान योग्यता, विमान सुरक्षा और विमान परिचालन इकाई के अधिकारियों वाली एक टीम बनायी गई है.
टीम विमान की प्रशिक्षण नीतियों तथा अन्य चीजों पर भी गौर करेगी. इसमें यह भी देखा जाएगा कि पायलट के लिए नियंत्रित आराम की किस तरह व्याख्या की गयी है.
सूत्रों ने बताया है कि नियामक इसकी भी जांच करेगा कि विमान कंपनी या पायलट घटना के बारे में उसको जानकारी देने में क्यों नाकाम रहा क्योंकि डीजीसीए को एक अज्ञात संदेश के बाद घटना का पता चला.