नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में बलात्कार और कन्या भ्रूण हत्या की बढती घटनाओं पर चिंता प्रकट की. बलात्कार की बढती घटनाओं पर उन्होंने कहा कि बलात्कार के कारण हमारा सिर शर्म से झुक जाता है. मोदी ने लडकियों को समान अवसर देने का आह्वान किया.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री ने भावपूर्ण ढंग से देश की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं पर प्रकाश डाला.
उन्होंने इन सामाजिक बुराइयों को रोकने में समाज की महत्ती भूमिका पर जोर देते हुए कहा, आपके घर में बेटी 10-12 साल की होती है तो आप उससे पूछते हैं कि कहां जा रही हो, कब तक लौटोगी, पहुंचकर फोन करना, पर क्या कोई बेटे से पूछता है कि वह कहां जा रहा है, उसके दोस्त कौन हैं क्योंकि बलात्कार करने वाला किसी का तो बेटा है.
बेटियों पर जितने बंधन डालते हो, बेटों पर डालकर तो देखो. उन्होंने बेटियों को भी समान अवसर देने की हिमायत करते हुए कहा कि इन बुराइयों पर अंकुश लगाने में कानूनअपना काम करता है, लेकिन समाज का भी दायित्व है कि वह इस दिशा में प्रयास करे.
कन्या भ्रूण हत्या की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज में ऐसी सोच है कि बेटा होगा तो बुढापे का सहारा बनेगा, लेकिन देखने में आता है कि पांच-पांच बेटे होने और बंगले होने के बावजूद मां बाप ओल्ड ऐज होम में रहते हैं.
उन्होंने कहा, बेटियों की बलि मत चढाइए. जिनकी अकेली बेटी संतान के रुप में है तो वह अपने सपनों की बलि चढा देती है, शादी नहीं करती और अपने मां बाप की सेवा करती है.
मोदी ने कहा, मां के गर्भ में बेटी की हत्या, ये कितना बडा अपराध है. 21वीं सदी के मानव का मन कितना कलंकित और पाप भरा है, इसे प्रदर्शित करता है. इससे हमें मुक्ति पानी होगी. लडकियों की प्रतिभा को बयां करते हुए उन्होंने कहा कि हाल के राष्ट्रमंडल खेलों में हमारे खिलाडियों ने 64 पदक जीतकर देश का गौरव बढाया, लेकिन याद रखिए कि इनमें 29 पदक जीतने वाली बेटियां हैं.