अब नेताओं,सांसदों का मजाक उड़ाया तो खैर नहीं

नयी दिल्ली: रेडियो पर कार्यक्रम पेश करने के दौरान रेडियो जॉकियों द्वारा संसद सदस्यों की नकल उतारे जाने और द्विअर्थी टिप्पणियों पर अब सरकार सख्‍त हो गयी है. अब नेताओं सांसदों की नकल निकालने वाले रेडियो व टीवी प्रस्‍तोताओं की खैर नहीं. नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मामले में चिंता जताते हुए कहा कि यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2014 12:37 PM

नयी दिल्ली: रेडियो पर कार्यक्रम पेश करने के दौरान रेडियो जॉकियों द्वारा संसद सदस्यों की नकल उतारे जाने और द्विअर्थी टिप्पणियों पर अब सरकार सख्‍त हो गयी है. अब नेताओं सांसदों की नकल निकालने वाले रेडियो व टीवी प्रस्‍तोताओं की खैर नहीं. नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मामले में चिंता जताते हुए कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है.

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान रेडियो जॉकियों द्वारा संसद सदस्यों की नकल उतारे जाने और द्विअर्थी टिप्पणियां किए जाने के बारे में सपा की जया बच्चन के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है. उन्होंने कहा कि एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र है जो इस पर नजर रख रहा है.

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओह्णब्रायन ने पूरक प्रश्न में कोलकाता स्थित आकाशवाणी केंद्र में, 35 वर्ष की आयुसीमा पूरी कर चुके रेडियो जॉकियों को सेवानिवृत्त किए जाने के बारे में पूछा. इसके उत्तर में जावडेकर ने कहा कि यह मामला जानकारी में आने के बाद उन्होंने इस पर रोक के आदेश दिए थे. ओह्णब्रायन ने कहा था कि वह यह नहीं समझ पाए कि रेडियो जॉकी की उम्र 35 साल होने पर कौन से ऐसे बायोलॉजिकल परिवर्तन हो जाते हैं जिनकी वजह से यह कार्रवाई की गई.

इस पर सहमति जताते हुए जावडेकर ने प्रख्यात उद्घोषक अमीन सयानी का जिक्र किया और कहा कि उनकी आवाज आकाशवाणी के श्रोताओं को बरसों से अपने सम्मोहन में बांधे हुए है. उन्होंने कहा कि उम्र बढ़ने से कुछ नहीं होता.

सूचना और प्रसारण मंत्री ने यह भी कहा कि एफएम चैनलों को आकाशवाणी की समाचार क्लिप के प्रसारण की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा सामुदायिक रेडियो चैनलों की संख्या बढा कर 700 करने का है. यह संख्या फिलहाल 243 है. जावडेकर ने कहा कि सरकार निजी एफएम रेडियो सेवाओं का विस्तार 227 नए शहरों तक करने पर भी विचार कर रही है. फिलहाल ये सेवाएं 86 शहरों में हैं.

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