अलगाववादियों की बहिष्कार की राजनीति से कुछ हासिल नहीं हुआ:उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यहां बख्शी स्टेडियम में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कश्मीरी अवाम से अपील की कि वे मतदान की शक्ति का इस्तेमाल करें क्योंकि यह विकास में मदद करती है जबकि अलगाववादियों की बहिष्कार की राजनीति से कुछ हासिल नहीं हुआ. उमर ने कहा, मैं आपको यह नहीं बताने जा […]
श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यहां बख्शी स्टेडियम में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कश्मीरी अवाम से अपील की कि वे मतदान की शक्ति का इस्तेमाल करें क्योंकि यह विकास में मदद करती है जबकि अलगाववादियों की बहिष्कार की राजनीति से कुछ हासिल नहीं हुआ.
उमर ने कहा, मैं आपको यह नहीं बताने जा रहा हूं कि आप किसे वोट दें लेकिन बराय मेहरबानी वोट देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करें क्योंकि यह विकास की प्रक्रिया में मदद करता है. 2008 के वोट के चलते ही हम पिछले साढे पांच साल में इतना कुछ हासिल कर सके हैं.
उन्होंने आज कहा कि राज्य से सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम एएफएसपीए हटाने का विरोध कर रहे लोग चीजों को समझेंगे क्योंकि पिछले 6 साल में हालात खासे सुधरे हैं. उमर ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिजली शुल्क 22 फीसद से घटा कर 10 प्रतिशत करने, पहाड़ी भाषा भाषी लोगों के लिए 5 फीसद के आरक्षण की दो अहम घोषणाएं की.
मुख्यमंत्री ने कहा, आज मैं राज्य के लोगों को एक तोहफा देना चाहता हूं और शुल्क 12 फीसद घटा कर 10 फीसद कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि आरक्षण कोटा में शामिल करने की पहाडी भाषी लोगों और अन्य पिछडे वर्गों की लंबे समय से मांग थी.
*उमर अब्दुल्लाने किया खुद को अगले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित
उमर ने यहां स्वतंत्रता दिवस समारोह से इतर पत्रकारों से कहा, मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार मेरे नेतृत्व में होगी. उनसे जब विपक्ष की आलोचना के बारे में पूछा गया कि विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी कोशिश के रुप में वे लोकप्रियतावादी उपायों पर राज्य का खजाना खाली कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, यह नहीं समझे कि मैं अगले शख्स के लिए खजाना खाली कर रहा हूं.
जहां तक मेरा ताल्लुक है मैं यह चुनाव हारने के लिए नहीं जीतने के लिए लड़ रहा हूं. पीडीपी में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व अध्यक्ष हसीब द्राबू ने स्थानीय अखबारों में अपने लेखों में उमर सरकार की आर्थिक नीति की आलोचना की है.
उमर ने कहा, सरकार का फैसला लोग करेंगे ना कि वे लोग जो अखबार में स्तंभ लिखते हैं.