अवैध खनन मामला:जनार्दन रेड्डी की संपत्ति कुर्क
नयी दिल्ली: कर्नाटक में अवैध खनन करने के मामले में पूर्व मंत्री और खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी और उनकी पत्नी की संपत्ति को कुर्क कर लिया गया. धनशोधन रोधी अदालत ने राज्य के पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी से जुडी 37.86 करोड रुपये से अधिक कीमत की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है. रेड्डी […]
नयी दिल्ली: कर्नाटक में अवैध खनन करने के मामले में पूर्व मंत्री और खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी और उनकी पत्नी की संपत्ति को कुर्क कर लिया गया. धनशोधन रोधी अदालत ने राज्य के पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी से जुडी 37.86 करोड रुपये से अधिक कीमत की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है.
रेड्डी दंपति की जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है उनमें बेंगलूर स्थित चार करोड़ रुपये का फ्लैट, बेल्लारी में 14 लाख रुपये का मकान, एफडी और बैंक खातों में जमा नकदी शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने इस साल के शुरु में धनशोधन विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत इन संपत्तियों को कुर्क किया.
केंद्रीय एजेंसी ने साल 2012 में कर्नाटक के पूर्व मंत्री रेड्डी तथा दूसरे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था तथा उनके और उनकी पत्नी जी लक्ष्मी अरुणा के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरु की थी. यह कार्यवाही बेल्लारी जिले के हवम्भावी स्थित एम..एस एसोसिएटेड माइनिंग कंपनी (गुरु आयरन ओर माइन्स) के कारोबारी परिचालन से जुडी धनशोधन की जांच को लेकर को गई थी. रेड्डी दंपति के पास से जब्त संपत्ति की कुल कीमत 37,88,66,108. 70 रुपये आंकी गई है.
धनशोधन विरोधी कानून से संबंधित निर्णायक प्राधिकार और चेयरमैन के रामामूर्ति ने अपने ताजा आदेश में कहा, मेरे सामने पेश तथ्यों की पूरी सावधानी से विचार करने के बाद प्रथम दृष्टया मुझे लगा कि प्रतिवादी :रेड्डी और उनकी पत्नी: ने अपराध किया है. ऐसे में संपत्तियों को आरंभिक तौर पर कुर्क किया गया. कुर्की का आदेश देने वाली अदालत प्रवर्तन निदेशालय और धनशोधन के मामलों पर फैसला करने के लिए स्थापित नोडल न्यायिक इकाई है.
प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के अनुसार रेड्डी और उनकी पत्नी ने कथित तौर पर 480 करोड़ रुपये गलत ढंग से बनाए तथा जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया वे धनशोधन के इस कथित अपराध से संबंधित हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच सीबीआई की ओर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अपने जिम्मे ली थी.
निदेशालय ने दर्ज शिकायत में कहा कि रेड्डी और उनकी पत्नी ने 31 जुलाई, 2009 को एसोसिएटेड माइनिंग कंपनी में साझेदार बनकर माइनिंग लीज नंबर 2434 पर अधिकार रखने वाली कंपनी पर अपना नियंत्रण स्थापित किया. जांच एजेंसी ने कहा कि लौह अयस्क खनन इकाई ने माइनिंग लीज नंबर 2434 के इलाके में कोई खनन कार्य नहीं किया.