नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव में खाता खोल पाने में नाकाम रही मायावती की अगुवाई वाली बसपा ने इस साल होने वाले हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में अपने ही दम पर अपनी स्थिति को परखने का मन बनाया है.राकांपा की ओर से गठबंधन की पेशकश आने के बावजूद बसपा ने महाराष्ट्र में अपने बूते चुनाव लडने का निर्णय किया है. हरियाणा में उसने पार्टी का दामन थामने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को बसपा की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रुप में पेश किया है.
मायावती ने कहा कि उन्होंने शरद पवार को स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी आने वाले महीनों में चार राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में अकेले ही मैदान में उतरेगी.
उन्होंने कहा, राकांपा नेता (पवार) ने मुझसे सीधे बात नहीं की. लेकिन उनकी बसपा महासचिव सतीश मिश्र से बात हुई है. मैंने मिश्र से कहा कि बात करने में कोई हर्ज नहीं है. लेकिन मैंने उनसे यह स्पष्ट कर देने को कहा कि बसपा कांग्रेस या राकांपा से कोई गठबंधन नहीं करेगी.
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में किसी राजनीतिक दल से चुनावी गठबंधन नहीं करेगी.हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर और झारखंड की विधानसभाओं का कार्यकाल इस साल अक्तूबर और अगले साल जनवरी के बीच समाप्त होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि अरविंद शर्मा को बसपा में शामिल कर लिया गया है और हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रुप में पेश किया जाएगा.
बसपा प्रमुख ने कहा, हरियाणा के अधिकतर मुख्यमंत्री जाट समुदाय के रहे हैं जिन्होंने अक्सर अन्य समुदायों के हितों की अनदेखी की, ‘‘इसलिए बसपा ने शर्मा को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रुप में पेश करने का फैसला किया.’’