हमें विश्व के लिए एजेंडा तय करना होगा : मोदी

नयी दिल्ली : रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) की कई बड़ी परियोजनाओं के विलंब से चलने के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चलता है का रवैया छोड़ कर इस संगठन से कार्यों को समय से पहले पूरा करने का आज कड़ा संदेश दिया जिससे, रक्षा क्षेत्र में भारत विश्व अग्रिम पंक्तियों में आ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2014 10:56 AM

नयी दिल्ली : रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) की कई बड़ी परियोजनाओं के विलंब से चलने के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चलता है का रवैया छोड़ कर इस संगठन से कार्यों को समय से पहले पूरा करने का आज कड़ा संदेश दिया जिससे, रक्षा क्षेत्र में भारत विश्व अग्रिम पंक्तियों में आ सके.

रक्षा क्षेत्र की प्रौद्योगिकी के तेजी से बदलने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत इसलिए पीछे छूट गया क्योंकि इससे पहले कि हम किसी प्रणाली के बारे में संकल्पना करें, उससे दो कदम आगे के उत्पाद बाजार में आ जाते हैं और हम पीछे छूट जाते हैं. डीआरडीओ के एक पुरस्कार समारोहमेंअपने संबोधन में उन्होंने कहा, डीआरडीओ को यह तय करना होगा कि वह स्थिति पर प्रतिक्रिया देगा या वह प्रोएक्टिव होकर विश्व के लिए एजेंडा तय करेगा.

हमें विश्व के लिए एजेंडा तय करना होगा. हम दूसरे का अनुसरण करके नहीं, बल्कि एजेंडा तय करके विश्व लीडर बन सकते हैं. अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि भारत में प्रतिभाओं की कमी है, बल्कि, मेरा मानना है कि यहां चलता है वाला रवैया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, समय की मांग है. हम समय से आगे रहें. विश्व हमारे लिए प्रतीक्षा नहीं करेगा. इसलिए हम जो भी करें, हम उसे समय से पहले करने के लिए कडी मेहनत करें. उन्होंने कहा, ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक परियोजना की परिकल्पना 1992 में की जाये और 2014 में हम कहें कि यह अभी और समय लेगा. विश्व आगे निकल जायेगा

कई बडी परियोजनाओं के विलंब के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) से आज कहा कि वह अपने कार्यक्रमों को समय से पूरा करने में तेजी दिखाए ताकि विश्व की रफ्तार के साथ कदम मिलाया जा सके.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज डीआरडीओ के कार्यक्रम में वैज्ञानिकों को सम्‍मानित किया. इस मौके पर उन्‍होंने वैज्ञानिकों में उत्‍साहवर्द्ध किया. मोदी ने कहा कि आज भी हमें वेद से प्ररेणा मिलती है. वैज्ञानीक भी तपस्‍वी होते हैं. वह अपने लैब में तपस्‍या करते हैं तब कई आइडिया सामने आता है.

मोदी ने कहा कि देश के विकास में वैज्ञानिकों का काफी अहम भूमिका है. इस मौके पर मोदी ने कहा कि हमारे देश के सामने सबसे बड़ा चैलेंज है कि हम तेजी से कैसे काम करें. दुनिया आज बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. अगर हम तेजी के साथ और समय पर काम नहीं करते हैं तो बहुत पीछे रह जाएंगे. नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैज्ञनिकों और छात्रों के बीच सिधा संवाद होना चाहिए.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को वैश्विक नेता बनाने के लिए रक्षा अनुसंधान में सुप्रयोग और तेज गति से काम करने की आवश्यकता है. उन्‍होंने कहा कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों को जवानों के जीवन को अधिक सहज बनाने के लिए नवोन्मेषी विचारों के साथ आगे आना चाहिए.

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