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Heatwave Death: डरा रहे हैं हीटवेव से मरने वालों के आंकड़े, मार्च से लेकर जून तक 143 लोगों ने तोड़ा दम, 41 हजार से ज्यादा हुए पीड़ित

Heatwave Death: देश के कई हिस्सों में मानसून की एंट्री हो गई है. बारिश के कारण लोगों को गर्मी से भी राहत मिली है. लेकिन, इस साल गर्मी ने जमकर कहर बरपाया है. भीषण गर्मी और हीटवेव के कारण करीब तीन महीने में 143 लोगों की मौत हो गई और करीब 42 हजार लोग हीट स्ट्रोक से पीड़ित हुए हैं.

Heatwave Death: देश के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में लेने वाली लू जानलेवा साबित हुई है. लू के कारण एक मार्च से 20 जून के बीच 143 लोगों की मौत हुई और करीब 41789 लोग संदिग्ध तापाघात से पीड़ित हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. हालांकि लू से मौतों का आंकड़ा इससे अधिक होने की संभावना है, क्योंकि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की ओर से राष्ट्रीय गर्मी संबंधी बीमारी एवं मृत्यु निगरानी के तहत संकलित किए गए आंकड़ों में राज्यों की ओर से प्रदान की अद्यतन जानकारी शामिल नहीं है. कई चिकित्सा केंद्रों ने अब तक लू से जान गंवाने लोगों की संख्या को अपलोड नहीं किया है.

जून में हीटवेव से गई 20 लोगों की जान


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 20 जून को ही हीटवेव के कारण 14 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है. वहीं संदिग्ध हीटवेव के कारण नौ लोगों की जान गई, जिससे मार्च से जून की अवधि में लू से मरने वालों की संख्या 114 से बढ़कर 143 हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक लू से उत्तर प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 35 मौतें हुई हैं, इसके बाद दिल्ली है जहां 21 जानें गईं हैं. जबकि, बिहार और राजस्थान में 17-17 मौतें हुई हैं.

जेपी नड्डा ने दिया निर्देश


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को अधिकारियों से कहा कि वे भीषण गर्मी की स्थिति जारी रहने तक केंद्र के तहत आने वाले अस्पतालों का दौरा करें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रभावित मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है या नहीं. साथ ही पिछले कुछ दिनों में लू के कारण हुई मौतों की संख्या का भी आकलन किया जा सके. उत्तर और पूर्वी भारत के बड़े हिस्से लंबे समय से लू की चपेट में हैं, जिससे तापघात से होने वाली मौतों में वृद्धि हो रही है. इसके मद्देनजर केंद्र को अस्पतालों को भीषण गर्मी से बीमार पड़े लोगों के लिए विशेष इकाइयां स्थापित करने का परामर्श जारी करना पड़ा है.

विशेष लू इकाई हो शुरू- जेपी नड्डा

नड्डा ने बुधवार को निर्देश दिए थे कि केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में ‘विशेष लू इकाई’ शुरू की जाए. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि अस्पताल गर्मी से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम इलाज प्रदान करें. उन्होंने तापघात से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के तहत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘लू मौसम 2024’ पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के लिए एक परामर्श जारी किया है. मंत्रालय ने कहा है कि अत्यधिक गर्मी के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभागों को तैयारी और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए.

परामर्श में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के अंतर्गत राज्य नोडल अधिकारियों से कहा गया है कि वे एक मार्च से तापघात के मामलों और मौतों तथा कुल मौतों के आंकड़ों को प्रतिदिन जारी करना शुरू करें. साथ ही गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी के तहत उनकी जानकारी भी उपलब्ध कराएं. इसमें रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य केंद्र तैयार करने लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैक, आवश्यक दवाएं, आईवी तरल पदार्थ, बर्फ (आइस पैक) और उपकरणों की खरीद और आपूर्ति के निर्देश भी दिए गए हैं.

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