नयी दिल्ली : देश को डिजिटल रूप में सशक्त बनाने और एक ज्ञान अर्थव्यवस्था में तब्दील करने के लिए सरकार ने करीब एक लाख करोड़ रुपये मूल्य की विभिन्न परियोजनाओं वाले कार्यक्रम डिजिटल इंडिया को बुधवार को मंजूरी दी. अब देश का हर गांव इंटरनेट से जुड़ेगा और सरकारी काम भी ऑनलाइन होंगे.
15 अगस्त को लाल किले के भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका उल्लेख किया था. इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से मौजूदा वर्ष से लेकर 2018 तक क्रियान्वित किया जायेगा. इसके इस्तेमाल के जरिये शिक्षा व न्यायिक सेवाएं जनता तक पहुंचाई जायेंगी. डिजिटल इंडिया पहले से चल रहे राष्ट्रीय ई- गवर्नेंस प्लान का रूपांतरित संस्करण है. सरकार जहां व्यावहारिक होगा वहां इसके लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल को अपनायेगी. कैबिनेट की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सात अगस्त को डिजिटल इंडिया प्रोग्राम पर पीएम की बैठक के दौरान कार्यक्रम की डिजाइन पर किये गये प्रमुख निर्णयों के मद्देनजर यह मंजूरी दी गयी है.
* क्या है लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य आइसीटी ढांचे का निर्माण करना है जिससे ग्राम पंचायत स्तर पर हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सके. आइसीटी के इस्तेमाल के जरिये स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा व न्यायिक सेवाएं जनता तक पहुंचायी जायेंगी. डिजिटल माध्यम से साक्षरता के जरिये नागरिकों को सशक्त बनाया जा सके. सरकार नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर को भी पुनगर्ठित करेगी.
* निगरानी व स्वरूप
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति इस कार्यक्रम की निगरानी करेगी. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति परियोजनाओं के लिए मंजूरी प्रदान करेगी. एक डिजिटल इंडिया परामर्श समूह का गठन होगा, जिसकी अध्यक्षता संचार व आइटी मंत्री करेंगे. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक शीर्ष समिति का गठन किया जायेगा.
* 10 सीआइओ
इसके तहत कम से कम 10 महत्वपूर्ण मंत्रालयों में मुख्य सूचना अधिकारी (सीआइओ) का पद बनायेगी,ताकि विभिन्न ई गवर्नेंस परियोजनाएं डिजाइन, विकसित और तेजी से क्रियान्वित की जा सकें. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी विभाग (डेइटी) विभाग के भीतर आवश्यक वरिष्ठ पदों का सृजन करेगा जिससे कार्यक्रम का प्रबंधन किया जा सके.
* नौ क्षेत्र चिह्नित
परियोजना के तहत विकास के क्षेत्रों के तौर पर चिह्नित नौ स्तंभों पर जोर देने का लक्ष्य है. इनमें ब्राडबैंड राजमार्ग, मोबाइल कनेक्टिविटी, इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम, ई-गवर्नेंस, ई-क्रांति, सभी के लिए सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, नौकरियों के लिए आइटी शामिल हैं.
– मूल उद्देश्य
* सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उपलब्ध हों
* जनता को नवीनतम सूचना व संचार प्रौद्योगिकी का लाभ मिले