क्या भारत का संघीय ढांचा केंद्र-राज्य टकराव की ओर बढ़ रहा है?

आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के दौरे पर आये और प्रदेश के लोगों को छह सौगात दी. इस दौरान उन्होंने झारखंड के सबसे बड़े पावर ग्रिड का उद्घाटन किया, साथ ही प्रस्तावित नॉर्थ कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का भी उन्होंने ऑनलाइन शिलान्यास किया. यह अवसर झारखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण था. प्रधानमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2014 1:52 PM

आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के दौरे पर आये और प्रदेश के लोगों को छह सौगात दी. इस दौरान उन्होंने झारखंड के सबसे बड़े पावर ग्रिड का उद्घाटन किया, साथ ही प्रस्तावित नॉर्थ कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का भी उन्होंने ऑनलाइन शिलान्यास किया. यह अवसर झारखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण था.

प्रधानमंत्री ने जिन प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया वे प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभायेंगे. लेकिन इस अवसर पर झारखंड की धरती पर जो कुछ हुआ उसे सही नहीं ठहराया जा सकता और यह एक गलत परंपरा की शुरुआत है. प्रधानमंत्री झारखंड किसी चुनावी सभा में शामिल होने के लिए नहीं बल्कि एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आये थे.

यही कारण था कि उनका स्वागत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हवाई अड्डे पर जाकर किया. प्रोटोकॉल के तहत जब प्रधानमंत्री किसी प्रदेश में जाते हैं, तो वहां के मुख्यमंत्री उनका स्वागत करते हैं और सरकारी कार्यक्रमों में उनके साथ मंच साझा करते हैं. इसी परंपरा के तहत आज प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मंच पर हेमंत सोरेन भी उपस्थित थे, लेकिन जब वे कार्यक्रम में बोलने के लिए मंच पर खड़े हुए, तो लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाये.

हेमंत सोरेन के खिलाफ हूटिंग की. शोर इतना ज्यादा था कि मुख्यमंत्री अपनी बातों को रख नहीं पा रहे थे. हालांकि हेमंत सोरेन ने मंच से ही लोगों से अनुरोध किया कि वे कार्यक्रम की गंभीरता को समझें, लेकिन आम लोग और भाजपा कार्यकर्ता अपनी हरकतों से बाज नहीं आये. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों में उन्हें शांत रहने का निर्देश दिया, लेकिन मोदी-मोदी के सुर शांत नहीं हो रहे थे.

हरियाणा में भी मोदी के कार्यक्रम में सीएम के खिलाफ हुई थी हूटिंग

19 अगस्त को हरियाणा के कैथल में प्रधानमंत्री की सभा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ नारेबाजी की गयी थी और हूटिंग भी हुई थी. जिसके बाद नाराज होकर हुड्डा ने यह घोषणा कर दी कि वे प्रधानमंत्री के किसी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे.

झामुमो ने पत्र लिखकर हूटिंग की पुनरावृत्ति रोकने की मांग की थी

हरियाणा के कैथल में हुई घटना के बाद झारखंड में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोरचा ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया था कि हूटिंग की घटना झारखंड में न हो. लेकिन इस आग्रह के बावजूद झारखंड में हूटिंग की घटना हुई. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसी पार्टी के सदस्य हैं.

हूटिंग के खिलाफ एकजुट हुए कांग्रेसी मुख्यमंत्री

हरियाणा में मुख्यमंत्री के खिलाफ हुई हूटिंग के खिलाफ कांग्रेसी मुख्यमंत्री एकजुट हो गये हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराव चव्हाण ने साफ घोषणा कर दी है कि वे प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा नहीं करेंगे. उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत भी मोदी के साथ मंच साझा नहीं करना चाह रहे हैं.

भारत के संघीय ढांचे पर आघात

भारतीय लोकतंत्र की यह विशेषता है कि यहां केंद्र में अगर भाजपा की सरकार है, तो यह जरूरी नहीं है कि हर प्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार हो. लेकिन इस व्यवस्था से भारत का संघीय ढांचा कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत हुआ है. केंद्र और राज्य के बीच सामंजस्य से देश विकास के पथ पर अग्रसर है. ऐसे में अगर केंद्र और राज्य के संबंधों में कटुता आयेगी, तो वह देश के हित में नहीं होगा.

इसलिए जरूरी यह है कि केंद्र और राज्य सरकार परंपराओं का निर्वहन करें. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शिरकत न करके पृथ्वीराज चव्हाण प्रोटोकॉल को तोड़ेंगे. यह उचित नहीं होगा. साथ ही प्रधानमंत्री के समर्थकों को भी यह समझना होगा कि अब मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, मात्र किसी पार्टी के नुमाइंदे नहीं. मुख्यमंत्री का अपमान करके वे प्रधानमंत्री की गरिमा को कम कर रहे हैं और कुछ नहीं.

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