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खेल पुरस्कारों की अंतिम सूची जारी, मनोज को निराशा

नयी दिल्ली : खेल मंत्रालय ने सभी अटकलों को विराम देते हुए गुरुवार को अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के लिए मूल सूची बरकरार रखी है. इससे मुक्केबाज मनोज कुमार की इस खेल सम्मान को पाने की उम्मीद भी टूट गयी. प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए मुक्केबाज जय भगवान के नाम की विवादास्पद अनुशंसा को कपिल देव […]

नयी दिल्ली : खेल मंत्रालय ने सभी अटकलों को विराम देते हुए गुरुवार को अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के लिए मूल सूची बरकरार रखी है. इससे मुक्केबाज मनोज कुमार की इस खेल सम्मान को पाने की उम्मीद भी टूट गयी.

प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए मुक्केबाज जय भगवान के नाम की विवादास्पद अनुशंसा को कपिल देव की अगुवाईवाली चयन समिति ने अंतिम रूप दिया था, जिसने बुधवार को दोबारा बैठक की थी और मूल 15 खिलाडियों की सूची में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया था.

भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक जिजि थॉमसन भी इस समिति का हिस्सा थे, उन्होंने कहा था कि पैनल ने समीक्षा बैठक में सात एथलीटों पर चर्चा की, लेकिन सर्वसम्मति से सहमति जतायी कि इसमें किसी बदलाव की जरूरत नहीं है.

खेल मंत्रालय ने इसके बाद पैनल द्वारा अनुशंसित सभी एथलीटों के नाम को मंजूरी दे दी, जिसके लिए सम्मान कार्यक्रम 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में किया जायेगा. विवाद तब शुरू हुआ, जब चयन समिति ने 12 अगस्त को हुई बैठक में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी मुक्केबाज मनोज की जगह जय भगवान को चुना.

इसके कारण समिति को दोबारा बैठक करनी पडी और उसने अपने फैसले पर दोबारा विचार किया. भगवान के अलावा 20 वर्षीय स्क्वॉश खिलाडी अनाका अलनकामोनी के नाम के सूची में शामिल होने पर भी भंवे तन गयीं.जबकि हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्र ने तो पैनल की आलोचना भी की कि उसने उनके द्वारा सिफारिश किये गये सात खिलाडियों की अनदेखी की.

थामसन ने कहा कि पहले तो मनोज के नाम के आवदेन पर गलत पहचान के कारण विचार नहीं किया गया और समिति ने समीक्षा बैठक में उनके नाम पर चर्चा की. हालांकि, समिति को लगा कि भगवान भी इसका हकदार था इसलिए वे अपने फैसले पर अडिग रहे. मनोज ने 32 अंक से इस सम्मान के लिए आवेदन किया था, जो मुक्केबाजों में सबसे ज्यादा थे और दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदकधारी भगवान से दो अंक ज्यादा थे.

समिति ने खेल मंत्रालय को सिफारिश भी की कि 15 से ज्यादाखिलाडियोंको प्रत्येक वर्ष अर्जुन पुरस्कार से नहीं नवाजा जाना चाहिए. इस पर भी चर्चा की गयी कि अंक ही एथलीटों के चयन का एकमात्र मानदंड नहीं हो सकता. मौजूदा अंक प्रणाली के अंतर्गत पिछले चार साल के प्रदर्शन को देखा जाता है और इसी के अनुसार विचार किया जाता है. इस बीच किसी भी खिलाडी को 2014 राजीव गांधी खेल रत्न के लिये उपयुक्त नहीं पाया गया.

अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त करने वालों को प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र और प्रत्येक को पांच पांच लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है. राष्ट्रीय खेल पुरुषोत्तम पुरस्कार प्राप्त करनेवाले खिलाडियों को ट्रॉफियां दी जाती हैं.

पुरस्कार सूची इस प्रकार है

अर्जुन पुरस्कार : अखिलेश वर्मा (तीरंदाजी), टिंटु लुका (एथलेटिक्स), एचएन गिरिशा (पैरालिंपिक), गीतू एन जोस (बास्केटबॉल), वी दीजू (बैडमिंटन), जय भगवान (मुक्केबाजी), अश्विन (क्रिकेट), लाहिड (गोल्फ), ममता (कबड्डी), साजी (नौकायान), हीना (निशानेबाजी), अलानकामोनी (स्क्वाश), टॉम जोसफ (वॉलीबॉल), रेनूबाला (भारोत्ताेलन) और सुनील राणा (कुश्ती). द्रोणाचार्य पुरस्कार : महावीर प्रसाद (कुश्ती), एन लिंगप्पा (एथलेटिक्स, लाइफटाइम), जी मनोहरन (मुक्केबाजी-लाइफटाइम), गुरचरण सिंह गोगी (जूडो-लाइफटाइम), जोस जैकब (नौकायान,-लाइफटाइम). ध्यानचंद पुरस्कार : गुरमेल सिंह (हॉकी), केपी ठक्कर (तैराकी-गोताखोरी), जीशान अली (टेनिस).

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