पूरे देश्‍ा में कोयले की आपूर्ति के लिए नयी योजना बना रहा है कोयला मंत्रालय

नयी दिल्ली: कोयला मंत्रालय राज्‍य और केंद्र की इकाइयों को कोयले की कमी को पूरा करने के लिए नया उपाय सोंचा है. दरअसल मंत्रालय केंद्रीय बिजली कंपनियों और राज्‍य की बिजली कंपनियों के बीच ‘कोल लिंकेज’ (कोयले की व्यवस्था) की अदला-बदली की सुविधा करने की योजना बना रहा है. इस कदम से ईंधन उपलब्धता बढाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2014 5:38 PM

नयी दिल्ली: कोयला मंत्रालय राज्‍य और केंद्र की इकाइयों को कोयले की कमी को पूरा करने के लिए नया उपाय सोंचा है. दरअसल मंत्रालय केंद्रीय बिजली कंपनियों और राज्‍य की बिजली कंपनियों के बीच ‘कोल लिंकेज’ (कोयले की व्यवस्था) की अदला-बदली की सुविधा करने की योजना बना रहा है. इस कदम से ईंधन उपलब्धता बढाने तथा परिवहन शुल्क में कमी लाने में मदद मिल सकती है.

यह बात ऐसे समय सामने आयी है जब देश में कोयले की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बढ रहा है.कोयला मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार, ‘‘इस समय कोयले की अदला-बदली के संदर्भ में नीति तैयार की जानी है.’’ बिजली मंत्रालय ने हाल के समय में दो इकाइयों के बीच इस प्रकार की अदला-बदली व्यवस्था का अनुरोध किया था.

दस्तावेज में कहा गया है कि ‘‘कोयले की जरुरत तथा घरेलू कोयले की उपलब्धता के बीच अंतर को पाटने एवं परिवहन लागत कम करने के मकसद से बिजली मंत्रालय से कोयले की अदला-बदली की व्यवस्था को लेकर अनुरोध मिला है.’’

फिलहाल किसी कंपनी के लिये कोयले की व्यवस्था की जाती है तो वह संबद्ध परियोजना के लिये ही होती है. इन कोयले को समूह की दो कंपनियों के बीच भी स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.सूत्रों के अनुसार हाल ही में ‘स्टैंडिंग लिंकेज कमेटी’ की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हुई.

देश में कोयले की मांग-आपूर्ति के बीच अंतर 2013-14 में 17.1 करोड टन हो गया जिसे आयात के जरिये पूरा किया गया.

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