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घोटालों से नाम हटाने के लिए यूपीए का दबाव संबंधी बयान पर कांग्रेस ने की विनोद राय की आलोचना

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज पूर्व नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) विनोद राय के उस दावा के लिए कडी कालोचना की जिसमें संप्रग शासनकाल के दौरान घोटालों में शामिल लोगों के नाम हटाने के लिए उनपर दवाब बनाने की बात कही गयी है. पार्टी ने कहा कि चीजों को सनसनीखेज बनाना उनकी प्रवृत्ति है. कांग्रेस […]

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज पूर्व नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) विनोद राय के उस दावा के लिए कडी कालोचना की जिसमें संप्रग शासनकाल के दौरान घोटालों में शामिल लोगों के नाम हटाने के लिए उनपर दवाब बनाने की बात कही गयी है. पार्टी ने कहा कि चीजों को सनसनीखेज बनाना उनकी प्रवृत्ति है.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगर किसी भी तरह से, वह किसी दवाब में थे या उन्हें सीधे या परोक्ष रुप से मजबूर किया जा रहा था कि कुछ लोगों का नाम दिया जाये और अन्य का हटा दिया जाये तो क्या यह उन पर निर्भर नहीं था कि वह उस समय ही इस बात को सार्वजनिक करते. उन्होंने कहा कि राय संभवत: सनसनी फैलाने वाली इन छोटी छोटी बातों को दबाये हुए थे ताकि इनका उपयोग जो इन दिनों सेवानिवृति पेंशन योजना कहलाती है उसके लिये करें जब आप लिखें और आसपास पर्याप्त सनसनी फैलायें.

विनोद राय ने दावा किया है कि संप्रग के पदाधिकारियों ने कुछ नेताओं को इस काम पर लगाया था कि मैं कोलगेट और राष्ट्रमंडल खेल घोटालों से जुडी ऑडिट रिपोर्ट से कुछ नामों को हटा दूं. राय ने अपनी आने वाली किताब ‘नॉट जस्ट एन एकाउंटेंट’ में अपने विचार व्यक्त किये हैं जो अगले महीने जारी होगी. उन्होने यह दावा भी किया है कि उनके कैग बनने से पहले आईएएस में उनके सहयोगी रहे कुछ लोगों से भी संप्रग के पदाधिकारियों ने नाम हटाने के लिए मुङो मनाने का अनुरोध किया था.

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