नयी दिल्ली: देश में स्वच्छता स्थिति की समीक्षा के लिए एक सम्मेलन के पहले सरकार ने स्वीकार किया है कि शौच करने के लिए रात तक का इंतजार करने वाली ज्यादातर ग्रामीण महिलाओं के साथ दुष्कर्म का खतरा होता है.
कल यहां चर्चा के लिए जुटने वाले राज्यों के मंत्रियों को वितरित स्वच्छ भारत मिशन पर नोट में केंद्र ने कहा है, ‘‘लाज के कारण बाहर शौच के लिए रात तक इंतजार करने वाली ऐसी कई महिलाएं जिनके घरों में शौचालय नहीं है उन्हें यौन उत्पीडन और दुष्कर्म का ज्यादा खतरा है.’’ सफाई की अहमियत पर जोर देते हुए पेयजल और स्वच्छता मंत्रलय की ओर से तैयार नोट में कहा गया है कि शौचालय हर किसी के लिए और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, साफ शौचालय महिलाओं और लडकियों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है.
सरकार ने कहा है कि मासिक धर्म, गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं के लिए यह काफी दुखदायी हो जाता है.केंद्र ने कहा है कि कई ग्रामीण भारतीयों के पास शौचालय है लेकिन वे खुले में ही शौच करने जाते हैं.कहा गया है, ‘‘वहां सबसे बडी चुनौती है कि शौचालय के इस्तेमाल को लेकर ग्रामीण आबादी के बडे हिस्से में व्यवहार में बदलाव. सोच में परिवर्तन बहुत जरुरी है.’’