मुंबई : बिहार उपचुनावों में राजद-जदयू-कांग्रेस के महागठबंधन की जीत और बीजेपी गंठबंधन की फीका पड़ रहा प्रभाव के बीच शिवसेना के बयान से विवाद पैदा हो गया है. हार का सामना करने के बाद बीजेपी अपने सहयोगियों के निशाने पर आ गई है. शिवसेना ने आज कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए ‘महायुति’ को कमर कसने की जरुरत है और साथ ही उसे ‘मोदी लहर’ की ओर निहारना बंद करना होगा.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा, ‘‘हमें यह स्वीकार करना होगा कि राजद-जदयू-कांग्रेस के गठबंधन ने 6 सीटें जीती हैं और भाजपा महज 4 ही सीटें जीत पाई है. लोगों ने दिखा दिया है कि लोकसभा एवं राज्य विधानसभा चुनावों में अंतर है.
इस अंतर को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.’’ इसमें कहा गया, ‘‘उपचुनावों के नतीजों को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा-शिवसेना के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ को अपनी कमर कसनी होगी और महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के लिए काम करना होगा.’’ पूरी तरह मोदी-लहर पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी देते हुए शिवसेना ने कहा कि राज्य के चुनाव सिर्फ बातों से नहीं जीते जा सकते.