1971 के युद्ध के बाद सीमापार से सबसे ज्यादा गोलीबारी, भारत ने विरोध जताया
नयी दिल्ली: वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान के बीच लडाई के बाद से सीमा पार से अब तक की सबसे ‘‘भारी’’ गोलाबारी पर भारत ने आज पाकिस्तान से कडा विरोध जताया. हालांकि स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देश फ्लैग मीटिंग करने पर राजी हो गए हैं. सेना के सूत्रों ने दिल्ली में बताया कि […]
नयी दिल्ली: वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान के बीच लडाई के बाद से सीमा पार से अब तक की सबसे ‘‘भारी’’ गोलाबारी पर भारत ने आज पाकिस्तान से कडा विरोध जताया. हालांकि स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देश फ्लैग मीटिंग करने पर राजी हो गए हैं.
सेना के सूत्रों ने दिल्ली में बताया कि दोनों देशों के डीजीएमओ (सैन्य अभियान महानिदेशक) के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान विरोध जताया गया. उन्होंने कहा कि दोपहर 12 बजे करीब 10 मिनट तक वार्ता चली जिस दौरान ‘‘सभी सामयिक मुद्दों’’ को उठाया गया.
सूत्रों ने कहा कि समझा जाता है कि वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने संघर्षविराम के बढते मुद्दे को उठाया और इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास 95 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और इसने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 25 बार संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन किया.
सूत्रों ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष स्थिति को शांत करने के लिए सेना और बीएसएफ द्वारा फील्ड स्तर पर फ्लैग मीटिंग करने को सहमत हुए हैं.’’भारत की तरफ से डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल पीआर कुमार और पाकिस्तान की तरफ से मेजर जनरल आमिर रियाज ने हॉटलाइन पर वार्ता के दौरान सीमा पर स्थिति के बारे में चर्चा की जो हर मंगलवार को होती है.
डीजीएमओ हर हफ्ते वार्ता करते हैं जिस दौरान वे एलओसी और अन्य इलाकों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हैं.बीएसएफ ने कहा कि पाकिस्तानी बलों द्वारा पिछले 45 दिनों से जारी गोलाबारी 1971 के युद्ध के बाद संभवत: सबसे ‘‘भारी’’ गोलीबारी है.
बीएसएफ के महानिदेशक डी. के. पाठक ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हां यह पिछले इतने वर्षों से सबसे भारी गोलीबारी है – मेरा मानना है कि 1971 के युद्ध के बाद से. इस तरह की स्थिति के लिए 45 दिन काफी लंबा वक्त होता है.’’ गोलीबारी के पैटर्न की विस्तार से जानकारी देते हुए पाठक ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले 45 दिनों से गोलीबारी जारी है, 17 जुलाई को पहली बार छिपकर हमला किया गया जिसमें एक जवान की मौत हो गई. यह करीब दस दिनों तक जारी रहा. इसके बाद थोडे समय तक शांति रही. इस महीने पूरी रात गोलीबारी जारी रही और कभी..कभी दिन के समय में भी गोलीबारी हुई.’’ उन्होंने कहा कि सभी चौकियों पर सीमा पार से गोलीबारी जारी है. गोलीबारी में नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया जा रहा है.
स्थिति को शांत करने के लिए सेना और बीएसएफ दोनों द्वारा फील्ड स्तर पर फ्लैग मीटिंग करने के निर्णय के बारे में पूछने पर पाठक ने कहा, ‘‘मुङो उम्मीद है कि शांति कायम होगी. हमने कई प्रयास किए हैं..’’अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अग्रिम इलाकों का दौरा करने के बाद पाठक ने कहा, ‘‘हमने इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं. हमने चार से पांच बार फ्लैग मीटिंग करने का प्रयास किया. लेकिन उन्होंने (पाकिस्तानी पक्ष) जवाब नहीं दिया.’’रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी तीनों सेनाओं के प्रमुख के साथ बैठक की जिस दौरान पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन और भारत की प्रतिक्रिया को लेकर चर्चा हुई.