व्यापमं घोटाला:आरोपियों की गिरफ्तारी और सम्पत्ति कुर्क करने का निर्देश
जबलपुर:बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं घोटाला मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. अदालत ने विशेष कार्यबल एसटीएफ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आरोपियों की गिर्फतारी सुनिश्चत करे और धारा 83 के तहत उनकी सम्पत्ति कुर्क करने की कार्यवाही करे. एसटीएफ के अधिकारियों ने कल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश […]
जबलपुर:बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं घोटाला मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. अदालत ने विशेष कार्यबल एसटीएफ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आरोपियों की गिर्फतारी सुनिश्चत करे और धारा 83 के तहत उनकी सम्पत्ति कुर्क करने की कार्यवाही करे.
एसटीएफ के अधिकारियों ने कल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति आलोक आराधे की युगलपीठ के समक्ष इस मामले में अब तक की गई कार्यवाही का विस्तृत ब्योरा पेश किया था.
युगलपीठ ने भोपाल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) पी.के.माहेश्वरी को निर्देश दिया है कि वह मामले से संबंधित आवेदनों और लंबित मामलों का चार सप्ताह में निराकरण करें.
युगलपीठ ने उक्त आदेश की कापी रजिस्ट्रार जनरल को ईमेल के जरिए तत्काल भोपाल सीजेएम को भेजने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को तय की है.
उल्लेखनीय है कि व्यापमं घोटाले के संबंध में उच्च न्यायालय में 139 याचिकाएं दायर की गयी थीं जिसमें से 14 याचिकाओं में सीबीआई जांच की मांग की गयी थी.
याचिकाओं में कहा गया था कि इस घोटाले में प्रदेश सरकार के मंत्री के अलावा अधिकारी भी शामिल हैं. एसटीएफ प्रदेश सरकार के अधीन काम करती है इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. उच्च न्यायालय ने एसटीएफ की जांच पर संतोष जाहिर करते हुए उक्त याचिकाएं खारिज कर दी थीं.
इसके साथ ही न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की यह मांग स्वीकार कर ली थी कि एसटीएफ की जांच पर उच्च न्यायालय निगरानी रखे. न्यायालय के निर्देश पर एसटीएफ की ओर से समय-समय पर अपनी जांच रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश की जाती है.
उच्च न्यायालय के द्वारा की जा रही मानिटरिंग पर मंगलवार को एसटीएफ ने अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसे रिकार्ड पर लेते हुए युगलपीठ ने मामले की सुनवाई 12 सितंबर को तय की है.