शादी के समारोहों पर अधिभार मंगलय निदि लगाना असंवैधानिक:हाई कोर्ट
कोच्चि:केरल उच्च न्यायालय ने शादियों और अन्य संबंधित समारोहों पर मंगलय निदिनामक अधिभार लगाने के राज्य सरकार के फैसले को कहा है कि यह असंवैधानिक है. कोल्लाम और कसारगोड जिलों के हॉलों के मालिकों की याचिकाएं स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन ने कहा कि अभिधार कोई फीस नहीं है और उसे कर नहीं […]
कोच्चि:केरल उच्च न्यायालय ने शादियों और अन्य संबंधित समारोहों पर मंगलय निदिनामक अधिभार लगाने के राज्य सरकार के फैसले को कहा है कि यह असंवैधानिक है.
कोल्लाम और कसारगोड जिलों के हॉलों के मालिकों की याचिकाएं स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन ने कहा कि अभिधार कोई फीस नहीं है और उसे कर नहीं माना जा सकता.
बड़े-बड़े हॉलों एवं थ्री स्टार तथा उससे उंची श्रेणी के होटलों में शादियों एवं अन्य संबंधित समारोहों पर सरकार ने मंगलय निदि नामक अधिभार लगाने का फैसला किया था.
अदालत ने कहा कि यह कानून विधानमंडल को संविधान के तहत प्राप्त अधिकारों के अंतर्गत नहीं है और सरकार को ऐसा अधिभार लगाने का कोई हक नहीं है. याचिकाकर्ताओं ने सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि यह शादी पर कर है जो विधानमंडल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.
केरल के वित्त मंत्री के एम मणि ने वर्ष 2013 के बजट में शादियों के सिलसिले में समारोहों पर होने वाले खर्च पर तीन फीसदी अधिभार लगाया था.