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सिंधिया स्कूल रैगिंग मामले में अभिभावक संघ ने किया प्रदर्शन

ग्वालियर:ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह के 14 वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार सिंह के साथ कथित रैगिंग और खुदकुशी की कोशिश मामले को लेकर अभिभावक संघ ने आज प्रदर्शन किया. अभिभावक संघ ने आज यहां मानव श्रंखला बनाकर ने मांग की कि स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ […]

ग्वालियर:ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह के 14 वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार सिंह के साथ कथित रैगिंग और खुदकुशी की कोशिश मामले को लेकर अभिभावक संघ ने आज प्रदर्शन किया.

अभिभावक संघ ने आज यहां मानव श्रंखला बनाकर ने मांग की कि स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की जाए. अभिभावक संघ ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने मामले को ठीक तरह से नहीं निपटाया.
‘ऑल इंडिया पैरेन्ट्स एसोसिएशन के ग्वालियर चैप्टर’ के अध्यक्ष सुधीर सपरा ने आज बताया, ‘‘उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्र एवं छात्रओं की रैंगिग की घटनाओं में स्कूल के प्रमुख भी समान रुप से जिम्मेदार हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने अब तक सिंधिया स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है’’.
उन्होंने ग्वालियर कलेक्टर से उस पत्र को भी सार्वजनिक करने की मांग की है, जिसे उन्होंने :कलेक्टर: इस मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस को लिखा है. इस जांच रिपोर्ट में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है.
सपरा ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी मांग की है कि वह इस मामले में सिंधिया स्कूल के विरद्ध कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में अभिभावक संघ ने आज यहां फूलबाग में एक मानव श्रंखला बनाई, जिसमें लगभग 50 अभिभावकों ने भाग लिया.
उल्लेखनीय है कि आदर्श कुमार सिंह ने सिंधिया स्कूल के तीन वरिष्ठ छात्रों द्वारा कथित रैगिंग से तंग आकर 20 अगस्त को सिंधिया स्कूल के छात्रवास में अपने कमरे में आत्महत्या करने का प्रयास किया और वह आधी बेहोशी की हालत में मिला था. उसके गले में चादर बंधी थी. उसे नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद गंभीर स्थिति में नई दिल्ली के अपोलो अस्पातल में भर्ती कराया गया था.
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर पी नरहरि ने इस मामले के सामने आने के बाद अनुविभागीय दंडाधिकारी एस सक्सेना के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय दल का गठन किया था. इस दल ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीन वरिष्ठ छात्रों द्वारा आदर्श से रैगिंग करने की पुष्टि की थी.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, इस मामले में पुलिस ने स्कूल के तीन छात्रों और दो अध्यापकों सहित पांच लोगों को दो दिन पहले गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में पुलिस ने तीनों नाबालिग छात्रों एवं दोनों अध्यापकों को उसी दिन जमानत पर रिहा कर दिया.
पुलिस ने बताया कि सिंधिया स्कूल के प्रभावशाली परिवारों के तीन वरिष्ठ छात्रों के बयानों को दर्ज करने पर हमने पाया कि आदर्श ने आत्महत्या का प्रयास किया है, क्योंकि आरोपी तीनों छात्र उससे घटिया किस्म का काम जैसे फर्श पर झाडू लगवाना और मुर्गा बनाते थे, ताकि वह (आदर्श) परेशान हो जाए. वे उसे कथित रुप से मारते-पीटते भी थे.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने आत्महत्या के लिए उपयोग में लाई गई चादर और छत पर लगने वाला वह पंखा भी जब्त कर लिया है, जिससे आदर्श ने कथित रुप से लटक कर फांसी लगाने का प्रयास किया.
पुलिस ने बताया कि उसने चादर के जरिए पंखे से लटकने का प्रयास किया था, लेकिन उसके पैर फर्श को छू गए, क्योंकि पंखा छत के हुक से अचानक बाहर निकल गया था, जिसके कारण उसकी जान बच गई.
दूसरी तरफ, सिंधिया स्कूल के प्रिंसिपल शमिक घोष ने एक बयान में बताया कि स्कूल प्रबंधन ने इस घटना के तुरंत बाद एक तीन सदस्यीय समिति बनाई और इसकी रिपोर्ट आने के पश्चात इस मामले.
में रैगिंग कर आदर्श को प्रताडित करने के आरोप में तीनों आरोपी वरिष्ठ छात्रों को निष्कासित कर दिया,जबकि हाउस मास्टर परमप्रीत ग्रेवाल तथा सहायक हाउस मास्टर अर्पण सोनी को ड्यूटी से हटा दिया.

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