अपराध गंभीर, तो 13 साल नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

नौकरशाहों के विदेश दौरों के लिए पीएमओ की मंजूरी अनिवार्य नयी दिल्ली : मोदी सरकार गंभीर अपराध करनेवालों के लिए चुनाव का रास्ता बंद करने पर विचार कर रही है. इसके लिए वह जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने जा रही है. अंगरेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह खबर दी है. प्रस्तावित संशोधन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2014 8:38 AM
नौकरशाहों के विदेश दौरों के लिए पीएमओ की मंजूरी अनिवार्य
नयी दिल्ली : मोदी सरकार गंभीर अपराध करनेवालों के लिए चुनाव का रास्ता बंद करने पर विचार कर रही है. इसके लिए वह जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने जा रही है. अंगरेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह खबर दी है. प्रस्तावित संशोधन के अनुसार वे लोग जो गंभीर अपराध करते हैं, वे कम से कम 13 साल तक चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. इसके लिए संसद में एक बिल लाया जायेगा.
इस बिल के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति पर ऐसा कोई आरोप है, जिसमें कम से कम छह साल की सजा है, तो वह 13 साल तक चुनाव नहीं लड़ पायेगा. अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. कोर्ट की ओर से दोषी साबित होने के बाद अभी किसी भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. बताया जाता है कि कानून मंत्रालय ने प्रस्तावित बिल तैयार कर लिया है. अब इस पर प्रधानमंत्री मोदी को मुहर लगाना है.
उसके बाद यह संसद में रखा जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीएम और सीएम अपराधियों को मंत्री न बनायें. इस बारे में एक पीआइएल भी कोर्ट में लंबित है. इस बिल में प्रावधान है कि इस तरह के अपराध के लिए चार्जशीट चुनाव की घोषणा होने के कम से कम 180 दिन पहले दाखिल होनी चाहिए. इसके अलावा एक प्रावधान यह भी है कि चुनाव आयोग के सामने झूठा शपथ पत्र देने वाले उम्मीदवार को अयोग्य करार दिया जा सकता है. इसके बाद उसे छह साल तक चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं रहेगा.
नौकरशाहों द्वारा आधिकारिक विदेशी दौरों की प्रक्रिया जटिल बनाते हुए केंद्र ने कहा कि विदेशी दौरों के प्रस्ताव मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और सचिवों की स्क्रीनिंग कमेटी के पास जाने चाहिए. सरकार ने कहा कि विदेशी दौरों के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और विदेश जाने के लिए पीएमओ, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की मंजूरी जरूरी है तथा इन दौरों की जानकारी मंत्रालयों की वेबसाइट पर डाली जानी चाहिए.
नौकरशाहों के विदेश दौरे के प्रस्तावों की प्रक्रिया के लिए केंद्रीय सचिवालय और वित्त मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश कहते हैं कि ये प्रस्ताव संबंधित मंत्रालय के संबंधित प्राधिकार के पास मंजूरी के लिए जाने से पहले सलाह मशविरे के लिए एकीकृत वित्त संभाग के पास जाने चाहिए.
अगले सत्र से पांच नये आइआइटी
केंद्रीय बजट में प्रस्तावित पांच नये आइआइटी का अगले शैक्षणिक सत्र से काम करना शुरू करने की संभावना है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने इस की जानकारी दी है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पांच राज्यों से दो स्थानों की पहचान करने के लिए पत्र भेजा है, जहां इन प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थापना की जा सके. पांच नये आइआइटी की स्थापना जम्मू, छत्तीसगढ़, गोवा, आंध्रप्रदेश केरल में की जायेगी. पांच नये आइआइएम स्थापित करने की भी घोषणा की गयी है. इसके लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. मोदी सरकार ने केंद्रीय बजट में नये आइआइटी स्थापित करने की घोषणा की थी, जो उसके प्रत्येक राज्य में एक आइआइटी स्थापित करने के वादे का हिस्सा है.

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