नयी दिल्ली: पोर्न साइट्स पर प्रतिबंध लगाने में सरकार ने असमर्थता जतायी है. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सरकार ने कहा, ऐसा करने में परेशानियां आ रही हैं. ऐसी लगभग चार करोड़ वेबसाइट हैं और जब हम एक को बंद करते हैं, तो दूसरी खुल जाती है.
सरकार ने अपने जवाब में अदालत से कहा, सर्वर्स विदेशों से पोर्न मुहैया करा रहे हैं, इससे इन पर काबू पाना काफी मुश्किल है. इस समस्या का सामना करने के लिए समिति गठित कर दी गयी है, लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया है. इसी साल जनवरी में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार व कोर्ट के आदेशों के बिना पोर्न साइट्स पर प्रतिबंध लगाना उनके लिए तकनीकी व व्यावहारिक रूप से असंभव है.
आपत्तिजनक कंटेट के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. पोर्न वेबसाइट्स पर पाबंदी लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने और एडल्ट पोर्न साइट्स पर रोक लगाने की अपील की गयी है.