जापान में मोदी ने किया सुभाषचन्द्र बोस के 93 वर्षीय मित्र का जिक्र

टोक्यो:मोदी ने जापान इंडिया एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जब सुभाषचन्द्र बोस की बात करता हूं तो यहां कई ऐसे लोग हैं जो उनसे और उनकी यादों से जुडे हैं. मोदी ने कार्यक्रम में श्रोताओं में उन 93 वर्षीय एक बुजुर्ग की चर्चा की जो नेताजी के करीब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2014 2:54 PM

टोक्यो:मोदी ने जापान इंडिया एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जब सुभाषचन्द्र बोस की बात करता हूं तो यहां कई ऐसे लोग हैं जो उनसे और उनकी यादों से जुडे हैं.

मोदी ने कार्यक्रम में श्रोताओं में उन 93 वर्षीय एक बुजुर्ग की चर्चा की जो नेताजी के करीब थे. उन्होंने दोनों देशों के बीच 110 साल लंबे संबंधों की भी सराहना की.

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेताजी ने म्यामां में जापानियों के साथ हाथ मिलाया था ताकि भारतीय उप महाद्वीप से ब्रिटिश शासन को खत्म किया जा सके.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा किभारत उन लोगों के संस्मरण रिकार्ड करने के लिए वीडियोग्राफरों का एक दल को जापान में भेजेगा जो आजादी के आंदोलन के नायकों में शामिल. सुभाषचन्द्र बोस के करीब रहे जब वे जापान में थे.

उन्होंने अपनी यात्र के चौथे दिन कहा, ‘‘मैंने राजदूत से कहा है कि बेहद पेशेवर वीडियो टीम उनके साथ एक माह तक रहेगी जो बोस के करीब रहे लोगों के संस्मरण को रिकार्ड कर सके। हमें इन ऐतिहासिक संबंधों को आगे ले जाना चाहिए.

नेताजी द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरण में ताइवान में एक विमान दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल हो जाने के बाद नेताजी की 18 अगस्त 1945 को मृत्यु हो गयी थी. मोदी दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध बनाने के मकसद से पांच दिवसीय जापान यात्रा पर हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यह भी कहा है दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करना हमारी जिम्मेदारी है. साथ ही उन्होंने एसोसिएशन को मजबूत करने पर भी जोर दिया.

उन्होंने कहा कि युवा सांसदों एवं महिलाओं का भी एसोसिएशन बने. ताकि इनका एक दूसरे के देशों में आना जाना बना रहे. मोदी ने कहा कि भारत जापान का संबंध बहुत पुराना है.
कारोबारियों को मोदी ने भारत आने का आमंत्रण दिया और कहा कि वे लोग दिल्ली सहित भारत के अन्य शहरों में आएं. मोदी ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो उन्हें खातिरदारी करने में खुशी होगी.
मोदी ने यहां कहा कि भारत और जापान के बीच आध्यात्मिक रिश्ते है. जापानी लोगों को हिंदी भाषा और योग सीखने में काफी रुचि है. जापान की और से मोदी को हिंदी भाषा में बोलने के लिए पत्र भेजा गया था.
इसके अलावा उन्होंने कढी का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि बंगाल की स्वादिष्ट डिश कढ़ी जापान में भी खाई जाती है.

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