राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने माता वैष्‍णों देवी मंदिर में शीश नवाया

– दो नयी सुविधाओं का किया उद्घाटन कटरा: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पहली दो दिवसीय जम्मू यात्रा आज माता वैष्णो देवी गुफा मंदिर के दर्शन के साथ पूरी हो गयी जहां उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए दो नई सुविधाओं का उद्घाटन किया. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा के साथ राष्ट्रपति ने आज दोपहर बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2014 4:52 PM

– दो नयी सुविधाओं का किया उद्घाटन

कटरा: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पहली दो दिवसीय जम्मू यात्रा आज माता वैष्णो देवी गुफा मंदिर के दर्शन के साथ पूरी हो गयी जहां उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए दो नई सुविधाओं का उद्घाटन किया. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा के साथ राष्ट्रपति ने आज दोपहर बाद गुफा मंदिर के दर्शन किए. इसके पहले उन्होंने श्रीधर भवन एलिवेटर तथा पांची हैलीपैड का उद्घाटन किया. हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए नए पांची हैलीपैड से दूरी कम हो जाएगी.

यह 2.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. पहले का हैलीपैड मंदिर से पांच किलोमीटर दूर था. उम्रदराज और अशक्त श्रद्धालु पहाडी रास्ते पर 127 सीढियां चढे बिना एलिवेटर का उपयोग कर मंदिर तक पहुंच सकेंगे. राष्ट्रपति बैटरी चालित कार से मंदिर गए और पूजा करने के बाद उन्होंने वहां श्रद्धालुओं से बातचीत की जो अपने बीच देश के पहले नागरिक को देखकर प्रसन्न थे.

अधिकतर प्राचीन तीर्थस्थलों की तरह इस मंदिर के लिए भी यह सुनिश्चित करना संभव नहीं हो सका है कि यहां तीर्थयात्रा कब शुरु हुयी. हर साल यहां देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं. वैदिक साहित्य में किसी देवी की पूजा का कोई जिक्र नहीं मिलता हालांकि चारों वेदों में सबसे प्राचीन ऋग्‍वेद में त्रिकुटा पर्वत का उल्लेख मिलता है. शक्ति की पूजा का चलन व्यापक रुप से पौराणिक काल में शुरु हुआ.

यह भी आम मान्यता है कि सबसे पहले पांडवों ने मातृ देवी के प्रति श्रद्धा जताते हुए कोल कंडोली और भवन में मंदिरों का निर्माण कराया था. त्रिकुटा पर्वत के बगल में एक पर्वत पर पांच शिला खंड हैं. माना जाता है कि वे पांच पांडवों के शिला प्रतीक हैं. राष्ट्रपति राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी जम्मू आए थे. वह सोमवार को जम्मू विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थे. राज्यपाल ने राष्ट्रपति के सम्मान में ”जलपान” का आयोजन किया था और उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया.

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