नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफल जापान यात्रा आज समाप्त हो गयी और मोदी ने जापान की जनता से मिले स्नेह और गर्मजोशी से किये गये स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया. यह उपमहाद्वीप से बाहर उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा थी. मोदी की जापान यात्रा की सफलता से प्रफुल्लित विदेश मंत्री सुषमा स्वराज प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए यहां हवाई अड्डे पहुंचीं और उनकी यात्रा के लिए बधाई दी.
प्रधानमंत्री ने अपनी वापसी के बाद ट्वीट किया, ”मैं अपनी यात्रा के दौरान स्नेह, गर्मजोशी और अद्भुत सत्कार के लिए जापान के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं. धन्यवाद जापान.” इसी संदेश को जापानी भाषा में भी ट्वीट किया गया.
デリーに帰着。滞在中に寄せていただいた、日本の皆さんの愛情、温かさ、素晴らしいおもてなしに感謝申し上げたい。日本よ、ありがとう!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2014
मोदी जैसे ही हवाईअड्डे पर उतरे, सुषमा विशेष विमान के पास गुलदस्ता लिये हुए पहले ही उनके स्वागत के लिए खडी थीं. सुषमा को मोदी से कुछ कहते देखा गया और दोनों हंसते हुए भी दिखाई दिये.इस पर बाद में मोदी ने ट्वीट किया, ”विदेश मंत्री सुषमा स्वराजजी ने मुझसे कहा कि यात्रा ने जापान से हमारे संबंधों के बारे में भारत में बहुत सकारात्मक और आशावादी माहौल बनाया है. यह जानकर खुशी हुई.”
EAM @SushmaSwaraj ji told me that the visit has generated lot of positivity & optimism in India about our ties with Japan. Glad to know.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2014
सूत्रों ने बताया कि सुषमा ने खासतौर पर प्रधानमंत्री की जापान यात्रा की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करने के लिए हवाईअड्डे पर जाकर उनका स्वागत करने का फैसला किया. सामान्यत:, पिछले कई साल से विदेश यात्राओं से प्रधानमंत्री के लौटने पर किसी मंत्री द्वारा हवाईअड्डे पर जाकर उनका स्वागत करने की परंपरा नहीं है.
मोदी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान वहां के नेताओं और उद्यमी समुदाय से तालमेल बनाने के साथ उन्हें भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया. मोदी की इस यात्रा के दौरान जापान ने अगले पांच वर्षों तक भारत को विकास परियोजनाओं के लिए 35 अरब डालर देने का वायदा किया. वहीं दोनों पक्षों ने अपना रणनीतिक सहयोग नये स्तर तक ले जाने पर सहमति जतायी. मोदी ने तोक्यो के अलावा स्मार्ट सिटी क्योतो का भी दौरा किया जहां उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और अन्य नेताओं से मुलाकात की.
उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिनमें रक्षा आदान प्रदान, स्वच्छ उर्जा में सहयोग, सडक एवं राजमार्ग, स्वास्थ्य एवं महिला विषयक समझौते शामिल हैं. इसके अलावा दोनों पक्षों ने संबंधों को नये स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता भी जतायी. जापान ने इसके साथ ही छह भारतीय संस्थानों पर से प्रतिबंध हटा लिया जिनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) शामिल है. यह प्रतिबंध 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद लगाया गया था. उन्होंने जापानी कारोबारियों से कहा कि भारत ‘रेड टेप’ नहीं बल्कि ‘रेड कारपेट’ के साथ निवेश का इंतजार कर रहा है क्योंकि उनकी सरकार ने नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाया है.
प्रधानमंत्री ने भारत में विश्वास व्यक्त करने के लिए जापान का आभार व्यक्त किया और जापान के साथ मित्रता के संदर्भ में कहा कि ‘यह फेविकोल से भी ज्यादा मजबूत जोड है.” इससे पहले तोक्यो में भारतीय समुदाय की ओर से रखे गये स्वागत समारोह में मोदी ने कहा, ”यह दौरा बहुत सफल रहा है.” व्यक्तिगत तौर पर अच्छा तालमेल रखते हुए दोनों नेताओं ने ‘बहुत उपयोगी’ बातचीत की. बीते 30 अगस्त को मोदी जब क्योतो पहुंचे थे तो उनकी अगवानी के लिए आबे वहां पहुंचे थे. क्योतो में दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जापान की मदद से क्योतो शहर की तर्ज पर एक ‘स्मार्ट सिटी’ के रुप में विकसित किया जाएगा.