जापान से आने वाले निवेश की घोषणा गोबेलियन दुष्प्रचार:माकपा
नयी दिल्ली:माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) ने जापानी कंपनियों द्वारा 2 लाख करोड रुपये से अधिक का निवेश भारत में किये जाने के मामले में आशंका जताई है. मोदी के बयान का जिक्र करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि पहले भी इस प्रकार की घोषणाएं हुई हैं. उन्होंने इसे गोबेलियन […]
नयी दिल्ली:माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) ने जापानी कंपनियों द्वारा 2 लाख करोड रुपये से अधिक का निवेश भारत में किये जाने के मामले में आशंका जताई है. मोदी के बयान का जिक्र करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि पहले भी इस प्रकार की घोषणाएं हुई हैं. उन्होंने इसे गोबेलियन दुष्प्रचार से जोडा.
केवल घोषणाएं ही नहीं बल्कि बडी संख्या में सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत भी किये गये लेकिन कुछ भी ठोस रुप में नहीं आया जिसका उल्लेख किया जा सके. उन्होंने पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय में कहा है, अभी यह देखना बाकी है कि क्या इस प्रकार का निवेश वास्तव आयेगा और क्या हमारे देश में उत्पादक क्षमताओं का स्तर बढायेगा.
अन्य तरह के निवेश केवल हमारे संसाधनों, कच्चे माल और सस्ते श्रम का इस्तेमाल कर अधिकतम लाभ कमाने के इरादे से आता है जिसमें बदले में हमें कुछ भी ठोस नहीं मिलता और कुछ अच्छा होने के बजाय नुकसान ज्यादा होता है.
येचुरी ने कहा कि बाद की स्थिति ज्यादा बलवती लगती है क्योंकि लंबे समय तक आर्थिक नरमी और मंदी के बाद जापान में कुछ बदलाव के संकेत दिखे हैं. जापान इसे मजबूत करने और मुनाफा बढाने के लिये भारत का सहारा ले सकता है.
उन्होंने आरएसएस-भाजपा पर जोसेफ गोबेल्स की उस उक्ति के आधार पर फासीवादी दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया जिसमें यह कहा गया है, बडा झूठ बोलो और इतनी बार बोलो कि लोग उसे सचाई के रुप में स्वीकार कर लें.
येचुरी ने कहा, ऐसा लगता है कि मोदी सरकार के लिये दुष्प्रचार का यह तरीका मुख्य आधार बन गया है और साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सांप्रदायिक फसाद से जुडे मुद्दे भी उठा रहा है.