मोदी और एबॉट के बीच भी तोहफों का लेनदेन शुरु
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबोट अपने साथ भारत की उस धरोहर को भी साथ लेकर आये जिसकी मांग भारत कब से कर रहा था .हिन्दू देवी देवताओं की दो प्राचीन मूर्तियां अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को सौंपी जिन्हें तमिलनाडु के मंदिरों से कथित रुप से चुराया गया था और इन्हें आस्ट्रेलिया की […]
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबोट अपने साथ भारत की उस धरोहर को भी साथ लेकर आये जिसकी मांग भारत कब से कर रहा था .हिन्दू देवी देवताओं की दो प्राचीन मूर्तियां अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को सौंपी जिन्हें तमिलनाडु के मंदिरों से कथित रुप से चुराया गया था और इन्हें आस्ट्रेलिया की आर्ट गैलरी द्वारा खरीदा गया था.
मोदी के साथ बैठक के दौरान, एबोट ने मूर्तियां लौटाईं जिनमें से एक 11वीं . 12वीं शताब्दी के चोल वंश की नटराज की मूर्ति है.दूसरी मूर्ति 10वीं सदी की है जिसमें शिव के अर्धनारीश्वर रुप को दिखाया गया है.दोनों मूर्तियां तमिलनाडु के मंदिरों से कथित रुप से चुराई गई थीं और भारत ने मार्च में उन्हें लौटाने को कहा था.
एबोट कार्यालय ने कहा कि मूर्तियां लौटाना इस तरह के मामलों में आस्ट्रेलिया की सदभावना और भारत के साथ रिश्ते को आस्ट्रेलिया द्वारा दिये जाने वाले महत्व का प्रमाण है.कांसे की नटराज की मूर्ति को फरवरी 2008 में ‘नेशनल गैलरी आफ आस्ट्रेलिया’ द्वारा कला एवं प्राचीन वस्तुओं के डीलर सुभाष कपूर से 51 लाख डालर में खरीदा गया था.
‘आर्ट गैलरी आफ न्यू साउथ वेल्स’ ने 2004 में अर्धनारीश्वर मूर्ति दो लाख 80 हजार डालर में खरीदी थी. वर्ष 2012 में कपूर को जर्मनी में गिरफ्तार करके प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था. उस पर हिन्दू देवी देवताओं की प्राचीन मूर्तियां तमिलनाडु से चुराने और उनकी तस्करी करने की साजिश रचने का आरोप है.यह मामला तमिलनाडु में अभियोजन चरण में है और ऑस्ट्रेलिया अधिकारी आस्ट्रेलिया में इस मामले में जांच में मदद कर रहे हैं.
एबॉट ने मोदी को दी नेहरु जैकेट, बदले में मोदी ने योगा पुस्तक
भारत और ऑस्ट्रेलिया के परमाणु समझौते ने इन्हें व्यापारिक तौर पर करीबी ला दिया है दूसरी तरफ एक बार फिर तोहफो का सिलसिला शुरु हो चुका है ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टॉनी एबॉट ने आज ऑस्ट्रेलियाई उन की बनी ‘नेहरु जैकेट’ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार में दी, वहीं मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष को योग पर एक किताब भेंट की. अधिकारियों के मुताबिक एबॉट ने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विधाओं के परंपरागत भारतीय स्वरुपों में रचि दिखाई.उपहारों का आदान-प्रदान दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के दौरान किया गया. जिसके बाद दोनों के बीच महत्वपूर्ण असैन्य परमाणु करार हुआ. एबॉट दक्षेस देशों के नेताओं को छोडकर किसी देश के पहले शासनाध्यक्ष हैं जिन्होंने मोदी सरकार बनने के बाद भारत का दौरा किया है.
गुजरात दंगों के लिए मोदी जिम्मेदार नहीं
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. मोदी पर कई तरह के जांच आयोग ने अपना फैसला सुनाया है और मोदी सभी से पाक साफ साबित हुए हैं. आज कहा कि नरेंद्र मोदी को 2002 के दंगों के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए क्योंकि वह उस वक्त महज एक ‘पीठासीन अधिकारी’ थे जो ‘अनगिनत जांचों’ में पाकसाफ साबित हो चुके हैं.
एबोट ने समाचार चैनल हेडलाइंस टुडे पर करण थापर को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरी समझ है कि इसको लेकर अनगिनत जांचें हो चुकी हैं और श्री मोदी हमेशा पाकसाफ साबित हुए. निश्चित तौर पर मेरे लिए यही पर्याप्त है.’’इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वीकार करते हैं कि कभी-कभी जब भयावह चीजें होती हैं तो ‘हम’ (नेता) पीठासीन होते हैं. द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ बनाने के मकसद से भारत दौरे पर आए एबोट ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी के दो बार के आस्ट्रेलिया दौरे को याद किया.